चंदौली। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव सोमवार को चंदौली पहुंचे। उन्होंने मनराजपुर कांड पीड़ितों से मुलाकात की। पुलिस रेड के दौरान जान गंवाने वाली निशा यादव के पिता कन्हैया से भेंट की। घटना के बारे में जानकारी ली। उन्होंने पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए। हाईकोर्ट के जज की निगरानी में घटना की जांच कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने जानबूझकर मृतका के पिता पर मुकदमे लगाए। राजनीतिक दबाव के कारण जिलाबदर तक किया गया। पुलिस को यह अधिकार किसने दिया कि इतनी अधिक संख्या में एक साथ आएगी और जो भी लोग घर में होंगे, उनके साथ मारपीट करेगी। बेटी की जान पुलिस की दबंगई व दबिश की वजह से गई है। पुलिस कहानी बना रही कि बेटी ने खुद से फांसी लगा ली। उत्तर प्रदेश की पुलिस कहानी बनाने में काफी आगे है। ललितपुर की घटना में पुलिस ने क्या किया। बेटी के साथ चार लोगों ने दरिंदगी की थी, थाने पहुंची तो पुलिस ने भी उसके साथ वही किया। उन्होंने एटा की घटना पर भी पुलिसिया कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। सबसे अधिक कस्टोडियल डेथ, फेक एनकाउंटर यूपी में हो रहे हैं। मानवाधिकार व महिला आयोग से सबसे अधिक नोटिस यूपी सरकार को भेजे जा रहे हैं। जो सरकार पुलिस को चुनाव जीताने के लिए इस्तेमाल करता हो। सबसे अधिक अवैध काम व शराब की तस्करी सैयदराजा थाने से हो रही है। सपा सरकार में जाति के आधार पर काम कराए जाने के आरोप लगाए जाते थे। भाजपा सरकार में यह हकीकत है। सीएम अपने जनप्रतिनिधियों से कहते हैं कि पहले दलाली रोको। यह सरकार बुल्डोजर लेकर घूम रही है, बताए ललितपुर के थाने में बुल्डोजर कब चलेगा। जिस थाने के पुलिसवालों ने बेटी की जान ली, उनके घर व थानों पर बुल्डोजर कब चलेगा। प्रशासन की जांच पर भरोसा नहीं। इसलिए हाईकोर्ट के जज की निगरानी में जांच कराई जाए। पुलिस कोई भी कारनामा कर सकती है।