वाराणसी। मंगलवार को कोर्ट ने ज्ञानवापी से जुड़े सात मामलों की सुनवाई एक साथ, एक ही अदालत में किए जाने से संबंधित मांग पर अपना फैसला सुना दिया। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने सभी मामले एक साथ सुनने का आदेश दिया है। अब सात मामलों की सुनवाई एक साथ एक ही कोर्ट में होगी। हिंदू पक्ष ने 7 केस क्लब करने की याचिका दाखिल की थी। मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी।
गौरतलब है कि राखी सिंह की तरफ से अधिवक्ता शिवम गौड़, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से अधिवक्ता रमेश उपाध्याय, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से रईस अहमद आदि ने दलील देकर एक साथ सुनवाई ना किए जाने की मांग की थी.वहीं, चार महिला वादियों के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी व सुधीर त्रिपाठी ने कहा था कि सातों मुकदमे एक प्रकृति के हैं। सभी का एक ही आराजी नंबर है और सभी मुकदमों का उद्देश्य एक है। ऐसे में समय की बचत और कोर्ट की सुविधा को देखते हुए सभी सात मामलों की एक साथ सुनवाई किया जाना न्यायसंगत है।
जिन सात मामलों की एक साथ सुनवाई किए जाने का अनुरोध जिला जज की अदालत से शृंगार गौरी वाद की महिला वादिनी लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक, सीता साहू व मंजू व्यास ने किया था, वो सभी एक ही प्रकृति हैं। पहला मामला अविमुक्तेश्वरानंद, दूसरा मां श्रृंगार गौरी व अन्य, तीसरा श्रीआदि विश्वेश्वर व अन्य, चौथा विश्वेश्वर, पांचवां मां गंगा व अन्य, छठा सत्यम त्रिपाठी व अन्य और सातवां नंदी जी महाराज की तरफ से दाखिल वाद हैं। यह सभी वाद एक ही प्रकृति के बताए गए हैं। इनमें आराजी नंबर 9130 के स्वामित्व की मांग और ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी, आदि विश्वेश्वर व अन्य देवी देवताओं के राग भोग, दर्शन पूजन आदि की मांग नाबालिग देवता मानते हुए की गई थी।