वाराणसी। काशीराज परिवार में भाई-बहन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। राजकुमारी विष्णु प्रिया ने अपने भाई महाराज कुंवर अनंत नारायण सिंह पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है। विष्णु प्रिया ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि उनके साथ रामनगर किले में उनके भाई अनंत नारायण सिंह ने घरेलू हिंसा की है। उन्होंने कहा कि वह अविवाहित हैं। ऐसे हालात में वह कहां जाकर रहेंगी। विष्णु प्रिया ने भाई पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने रामनगर के कोदोपुर की जमीन को बेच दिया। जबकि खसरा खतौनी पर उनके नाम से यह जमीन है। इस 44 बिस्वा जमीन का वर्तमान मूल्य 15 करोड़ से अधिक है। उन्होंने खसरा की कापी दिखाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी महाराजा विभूति नारायण की वसीयत और उनके पेपर को अनदेखा कर दिया। उन्हें किला छोड़कर जाने की धमकी दी जाती है। उन्होंने वर्ष 2011 में किले में बनाई गई एक वीडियो क्लिप दिखाई। जिसमें अनंत नारायण के एक नौकर ने विष्णु प्रिया के साथ बदसलूकी की। वहीं घर के छत, खिडकियां, पंखे और बर्तन तोड़े गए। वहीं सभी बहनों और बेटों के साथ मारपीट की गई। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विष्णु प्रिया के साथ उनके तीन भांजे और एक बहनोई भी मौजूद रहे। वाराणसी के कोदोपुर स्थित एक जमीन पर न्यायालय में सुनवाई चल रही है। उनकी पीड़ा है कि भाई अनंत नारायण के लोग उस जमीन पर कब्जा करते चले जा रहे हैं। वहीं उनके पिता काशीराज विभूति नारायण सिंह ने संपत्ति में बराबर की हिस्सेदारी की थी। जो संपत्ति उन्हें विरासत में मिली उसे हमारी सहमति के बिना बेचना नियम के विरूद्ध है। यही नहीं चंदौली में भी आवासीय जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। 6800 वर्गफीट में यह क्षेत्र फैला है जिस पर विवाद चल रहा है। विष्णु प्रिया की उत्तर प्रदेश पुलिस से भी काफी नाराजगी है। उन्होंने अंदेशा जताया कि पुलिस से इस बात की शिकायत की गई लेकिन उसका कोई असर नहीं है। जमीन बिकने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा रखी है। महाराज विभूति नारायण सिंह की चार संतान थीं। जिन्हें काशीराज का वारिस माना जाता है। ये रामनगर दुर्ग में ही निवास करते हैं। हाल ही में बहनों द्वारा एक सार्वजनिक सूचना जारी कर बताया गया था कि महाराजा और महारानी द्वारा छोड़ी गई और पुत्रियों को दी गई संपत्ति पर उनका भी अधिकार है। काशी नरेश विभूति नारायण द्वारा स्थापित फर्म, कंपनियां और लोक कल्याणकारी ट्रस्ट को कुंवर अनंत नारायण अपनी संपत्ति बताते हुए राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से राजस्व अभिलेखों और साक्ष्यों में अपना नाम अंकित करा रहे हैं। विष्णु प्रिया ने बताया काशीराज की संपत्तियों में चार हिस्सेदारी है। इसलिए कोई व्यापारी या संस्थान कुंवर अनंत नारायण सिंह और अनिल सिंह से किसी प्रकार का लेनदेन करता है तो वे सभी अमान्य और अवैध होंगे।
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