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राज्य/जिलावाराणसी

बाढ़ के बाद वाराणसी में डेंगू का कहर, 7 दिन में 21 लोग डेंगू की चपेट में आए

वाराणसी। बाढ़ के बाद अब डेंगू का कहर बरपा है। यहां पिछले सात दिनों के अंदर डेंगू के 21 नए केस मिले। 18 अगस्त तक शहर में डेंगू के 32 मरीज थे, जो बढ़कर 53 हो गए। सबसे ज्यादा गंगा के तटीय इलाकों से डेंगू के मामले सामने आए हैं। हालात ये है कि अब अस्पतालों के डेंगू वार्ड फुल होने लगे हैं। दो दिन के अंदर तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। डेंगू से जान गंवाने वालों में ज्ञानवापी में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर राम विलास यादव, भोजपुरी कलाकार बबलू रिमिक्स और बनारस इश्क संगठन के सदस्य सुमंत कुमार साहनी हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग मौत की वजह डेंगू नहीं बता रहा है। इंस्पेक्टर की मौत ब्रेन हैमरेज से होने का दावा कर रहा है। यहां डेंगू के 35 हॉटस्पॉट हैं। जिला मलेरिया अधिकारी एससी पांडेय ने बताया कि अब तक चार हजार सैंपल लिए गए हैं। इनकी जांच हो रही है। पूरे शहर में एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। लगातार मॉनिटरिंग भी हो रही है। लोगों को भी अपने घर के आस-पास साफ-सफाई रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
वाराणसी में सामने घाट, लंका, भगवानपुर, छित्तूपुर, नगवां, बीएलडब्ल्यू, राजेंद्र विहार कॉलोनी, अस्सी, भदैनी, कबीरचौरा, शिवाला, खोजवां, फुलवरिया, सुंदरपुर, रवींद्रपुरी, नरिया, सेंट्रल जेल, दुर्गाकुंड, सीर गोवर्धन समेत कुल 35 एरिया सबसे ज्यादा डेंगू से प्रभावित हैं। इन एरिया में तेज बुखार, सिर दर्द और उल्टी के लक्षण के तमाम मरीज हैं। ज्यादातर लोग लक्षण के बावजूद भी टेस्ट कराने से बच रहे हैं। इसलिए डेंगू का सही आंकड़ा अब तक पता नहीं चल पा रहा है। अब तक 90 डेंगू के संदिग्ध सामने आए हैं। बीएचयू में 22, कबीरचौरा अस्पताल में 16, रामनगर अस्पताल में 8 और शेष का इलाज प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है।

निजी पैथोलॉजी में होने वाली जाचें वायरल बुखार को भी डेंगू बता दे रही

उधर बुधवार की रात जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने सीएमओ डॉ. वीबी सिंह और स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक में डेंगू पर नियत्रंण को लेकर चर्चा की। डीएम ने कहा कि कुछ गांवों में बेहतर ड्रेनेज की व्यवस्था न होने से बाढ़ का पानी निकल नहीं सका। इसलिए डेंगू के मच्छर वहां अपने लार्वा की संख्या बढ़ाते जा रहे हैं। जलभराव की इस समस्या को जल्द से जल्द से दूर किया जाएगा।
कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में डेंगू वार्ड पूरी तरह से भर चुका है। अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ गया है। इस समय रोजाना इससे पीड़ित 500 मरीज आते हैं। इसके साथ ही बाजार में डेंगू जांच करने वालों की दुकानें खुल गई हैं। जबकि निजी पैथोलॉजी में होने वाली जाचें वायरल बुखार को भी डेंगू बता दे रही हैं। संदिग्ध मरीजों को इसके बाद एलाइजा टेस्ट भी कराना पड़ता है जो कि केवल बीएचयू में ही संभव है। जिला मलेरिया अधिकारी एससी पांडेय ने बताया कि जिले भर में लार्वा सर्चिंग अभियान चल रहा है। शहर के कुल 728 मोहल्लों और कॉलोनियों में एंटीलार्वा का छिड़काव किया गया। 1668 घरों में पाइरेथ्रम का इंडोर स्प्रे, 50 घरों में मिले लार्वा के स्रोत को नष्ट किया गया। उन्होंने बताया कि नगर निगम की सहायता से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और कूड़ा उठाने के साथ ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव और सघन फागिंग की जा रही है। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। ठंड लगने के साथ तेज बुखार, जी मिचलाना, उल्टी, स्किन पर दाने, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिरदर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं। इससे बचने का आसान उपाय मच्छरदानी का प्रयोग है। घरों के आसपास पानी जमा न होने दें। लक्षण दिखे तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

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