वाराणसी। पिछले दिनों काशी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को काला झंडा दिखाने और चूड़ी भेंट करने पर गिरफ्तार किए गए नौ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शनिवार की देर शाम रिहा कर दिया गया। अस्थायी जेल के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेसजनों ने अपने साथियों का स्वागत किया व हाथरस की बिटिया के लिए न्याय की लड़ाई जारी रखने व हर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का संकल्प लिया।
बतादें कि पिछले सात दिनों से महानगर महासचिव मनीष चैबे, महानगर अध्यक्ष युवा कांग्रेस मयंक चाौबे, जिलाध्यक्ष युवा कांग्रेस विश्वनाथ कुंवर, प्रिंस राय, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष ऋषभ पाण्डेय, किशन यादव, दिलीप सोनकर, रोहित चाौरसिया, कुंवर यादव जेल में निरुद्ध थे। शनिवार की देर शाम जब वह रिहा किए गए तो मौके पर जुटे कार्यकर्ताओं ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। उत्साहित कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक अजय राय भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने साथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। कहा कि अंततः सत्य की जीत हुई व सभी क्रांतिकारी संघर्षशील साथी रिहा हुए। जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल व महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चाौबे ने कहा अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है। यह सरकार जान ले हम हर दमन का जबाब देंगे। साथियों की रिहाई पर हर्ष व्यक्त कर स्वागत करने वालो में प्रमुख रूप से वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश ओझा, विजय शंकर मेहता, मनीष मोरोलीया, जितेंद्र सेठ, दिलीप चाौबे, अशोक सिंह, फसाहत हुसैन बाबू, प्रदेश सचिव चंचल शर्मा, विकास सिंह, रोहित दुबे सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।
रिहाई के लिए मचा था बवाल
बतादें कि गिरफ्तार किए गए नौ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की रिहाई लिए गुरुवार से ही बवाल मचा था। इस मामले में गुरुवार को वकीलों ने न्यायिक अधिकारी पर हिलाहवाली का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया था तो शुक्रवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वाराणसी के जिलाधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोला था। नाराज कांग्रेस कार्यकताओं ने जिलाधिकारी को भाजपा का स्टांप तक कह डाला था। आखिरकार शनिवार की देर शाम जब कांग्रेस कार्यकर्ता रिहा हुए तब जाकर जिले का सियासी तापमान कुछ नरम हुआ।
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