चंदौली। पालिका क्षेत्र के मवई में स्थित तकरीबन 55 बीघा तालाब की जमीन पर अवैध प्लाटिंग मामले का मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। चंदौली डीएम को पत्र लिखकर आठ सप्ताह में मामले की जांच कराकर उचित कार्यवाही की बात कही है। पूर्वांचल टाइम्स ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद आयोग गंभीर हुआ और मामले में हस्तक्षेप कर रुचि दिखाई है। अब देखना यह है कि कान में तेल डालकर सोया प्रशासनिक अमला आयोग के पत्र को कितनी तरजीह देता है।
ये है अवैध प्लाटिंग का पूरा मामला
नगर पालिका क्षेत्र के मवईं में 55 बीघा तालाब का अस्तित्व समाप्ति की ओर है। दर्जनों अवैध इमारतें तन गई हैं लेकिन जिला प्रशासन, नगर पालिका, वीडीए बेखबर हैं। कुछ रसूखदार भू-माफिया सत्ता पक्ष के नेताओं के संरक्षण में लाखों का वारा न्यारा कर रहे हैं। भ्रष्टाचार की यह गंध न तो अधिकारियों और ना ही नगर पालिका के सक्षम लोगों की नाक तक पहुंच रही है। आरोप तो यह भी लग रहे हैं कि सबकी मिलीभगत से ही यह अवैध काम हो रहा है। जबकि पैमाइश में भी तालाब का रकबा स्पष्ट हो चुका है। मुकदमे की फाइल एसडीएम के यहां पड़ी धूल फांक रही है। लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से भू-माफिया हावी हैं। तालाब की जमीन पर कब्जा और अवैध प्लाटिंग में नगर के ही कुछ बड़े और रसूखदार लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। शायद यही वजह है कि सबकुछ जानते हुए भी नगर पालिका और वीडीए अपनी आंख बंद किए हुए हैं।