चंदौली। आपने स्कूल में पढ़ाने की बजाए बेंच पर टांग फैलाकर सोने वाले शिक्षकों के बारे में खूब सुना होगा, लेकिन चकिया ब्लाक के रतिगढ़ कंपोजिट विद्यालय में तैनात रहे शिवेंद्र ने गुरु होने का दायित्व बखूबी निभाया। चार साल बच्चों को न सिर्फ पढ़ाया, बल्कि अभिभावक की तरह उनका ध्यान भी रखा। उनका तबादला हरदोई जिले में हुआ तो फेयरवेल में बच्चे फूट-फूटकर रोने लगे। यहीं उन्हें विदा करने के लिए ग्रामीणों का हुजूम गांव के बाहर तक छोड़ने आया। इसकी चर्चा खूब हो रही है।
हरदोई जिले के रहने वाले शिवेंद्र सिंह बघेल की नियुक्ति रतिगढ़ स्थित कंपोजिट विद्यालय में सहायक अध्यापक के तौर पर हुई थी। उनका तबादला उनके गृह जनपद हुआ है। बुधवार को स्कूल में शिक्षक का फेयरवेल कार्यक्रम था। बच्चों को जब गुरुजी के जाने की खबर मिली तो भावुक हो गए। बच्चे उनसे लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे। शिक्षक के तबादले की खबर ग्रामीणों को मिली तो वे भी इकट्ठा हो गए। पूरा गांव शिक्षक को छोड़ने गांव के बाहर तक आया।
अभिभावक की तरह रखा ध्यान
शिवेंद्र ने न सिर्फ बच्चों को पढ़ाया, बल्कि अभिभावक की तरह उनका पूरा ध्यान रखा। उन्हें ब्रश करवाने से लेकर नहलाया तक। उनकी मेहनत का ही नतीजा रहा कि जब उनकी नियुक्ति विद्यालय में हुई तो काफी कम बच्चों का नामांकन था, लेकिन अब उनकी संख्या बढ़कर अच्छी-खासी हो गई है।