चंदौली। जिले के 23 गोवंश आश्रय केंद्रों में संरक्षित करीब 2000 पशुओं को ठंड से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। पशुपालन विभाग ने सभी पशुओं को काऊ कोट पहनाने और आश्रय स्थलों को तिरपाल से ढकने का काम शुरू कर दिया है। केंद्र प्रभारियों को पशुओं को खुले में न रखने, गोबर-मूत्र की निकासी सुनिश्चित करने, और संतुलित आहार देने के निर्देश दिए गए हैं।
नियामताबाद क्षेत्र के कठौड़ी आश्रय स्थल पर 175 पशुओं को काऊ कोट पहनाया जा चुका है। वहीं, केंद्र को प्लास्टिक से ढककर सुरक्षित किया गया है। ताराजीवनपुर के ककरही कला आश्रय स्थल में 52 और पटपरा केंद्र पर 80 पशु हैं, जहां तिरपाल और काऊ कोट के साथ अलाव जलाने की भी व्यवस्था की गई है।
क्षेत्रीय पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजकुमार यादव ने बताया कि पशुओं की ठंड से सुरक्षा के लिए प्रतिदिन देखभाल और इलाज का प्रबंध किया गया है। चंदौली जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेश चंद्रा ने कहा कि सभी आश्रय स्थलों पर समुचित इंतजाम किए गए हैं। पशुपालकों को भी मवेशियों की देखभाल को लेकर जागरूक किया जा रहा है।