
जय तिवारी
चंदौली। चंधासी कोयला मंडी एक बार फिर चर्चा में है। सोनभद्र जिले की पुलिस ने तीन ट्रक कोयला पकड़ा जो चंधासी मंडी लाया जाया जा रहा था। जबकि कोयले की यह खेप राजस्थान जानी थी। लेकिन फर्जी कागजात बनाकर इसे चंधासी लाया जा रहा था। लेकिन सोनभद्र पुलिस ने रास्ते में ही ट्रकों को पकड़ लिया और चार आरोपितों को हिरासत में ले लिया। हालांकि पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं लेकिन पुलिस और संबधित अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत के चलते यह खेल बदस्तूत जारी हैै।
एनसीएल की खदानों से दूसरे राज्यों को जाने वाले कोयले को फर्जी कागजातों के आधार पर चंधासी कोयला मंडी लाने और यहां से चोरी करने का खरेल काफी पुराना है। कई दफा यह मामला उजागर हो चुका है। लेकिन भ्रष्टाचार की यह बेल एशिया की सबसे बड़ी मंडी में अभी भी फल फूल रही है।

सोनभद्र पुलिस ने फिर उजागर किया कोयला चोरी का खेल
एनसीएल की खदान से राजस्थान के चित्तौड़ जाने के लिए निकला कोयला चंधासी जाने वाले रास्ते पर मुड़ा तो चोपन और राबर्ट्सगंज पुलिस ने रास्ते में ही पकड़ लिया। ट्रक चालकों पवन यादव और परमेश्वर यादव ने बताया कि डिबुलगंज निवासी दिलीप जायसवाल ने उन्हें फर्जी कागज उपलब्ध कराए और कोयले को चंधासी मंडी में ले जाने को कहा। पुलिस ने तस्करी के रैकेट में
शामिल आरोपियों के नाम का खुलासा किया है, जिसमें बबलू सिंह निवासी सिंगरौली, विरेंद्र जायसवाल निवासी वाराणसी, ट्रक मालिक उर्मिला पांडेय, धर्मेंद्र यादव, कमलेश यादव और खरीदार के तौर पर मेसर्स सिंह इंटरप्राइजेज कोल मंडी चंधासी शामिल हैं।
चंधासी कोयला मंडी कोयले का अवैध कारोबार
चंधासी कोयला मंडी में अवैध कारोबार खूल फल-फूल रहा है। कई बड़े व्यापारी और सफेदपोश भी खेल में शामिल हैं। मंडी में पत्थर को पीसकर भी कोयला में डालने का कारोबार होता है। जबकि पड़ाव, डांडी और चदासी में बने धर्म कांटा के पास खाली ट्रक खड़ा कर दिया जाता है, जो भी ट्रक कोयला लादकर आता है उनके चालक तीन से पांच टन तक कोयला हर टिप में उतारते हैं और इसके बदले कुछ पैसे लेकर चलते बनते हैं। ट्रकों से उतारा गया कोयला जब इकट्ठा हो जाता है तब कोयला मंडी में भेजकर यहां से फर्जी कागजात बनाकर कोयले को कारखानों में भेज दिया जाता है।