चंदौली। जातीय संघर्ष की आंच में अलीनगर क्षेत्र के सिकटिया और तारनपुर गांव ही नहीं झुलसे बल्कि कानून व्यवस्था भी झुलस गई। घटना के पीछे पुलिस की बड़ी चूक भी सामने आई है। खाकी की तरफ उंगली उठाने वालों में ग्रामीण और विपक्षी दल के नेता ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय विधायक भी शामिल हैं। साधना सिंह ने तो घटना का ठीकरा सीधे तौर पर सीओ सदर और अलीनगर इंस्पेक्टर पर फोड़ दिया था। इसके बाद से ही लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग जोर पकड़ने लगी है। अब गेंद चंदौली एसपी के पाले में है। बहरहाल अगले दो से तीन दिनों में तय हो जाएगा कि पुलिस ने किस स्तर पर और कहां-कहां लापरवाही बरती। एडिशनल एसपी को पुलिस की भूमिका की जांच सौंप दी गई है।
एसपी चंदौली ने एएसपी को सौंपी जांच
एसपी अंकुर अग्रवाल ने पूर्वांचल टाइम्स से बातचीत में बताया कि सिकटिया मामले में पुलिस की भूमिका की जांच एएसपी को सौंप दी गई है। तीन से चार दिन में जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। पोस्टर लगाने को उपजे विवाद के बाद पुलिस ने माकूल कार्रवाई की या नहीं इसकी जांच कराई जा रही है। स्थानीय पुलिस ने यदि मामले को हल्के में लिया था तो यह भी जांच में सामने आ जाएगा। लापरवाही सामने आती है तो निश्चित तौर पर संबंधित पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।