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चंदौलीः नक्सल क्षेत्र में सामुदायिक शौचालयों के नाम पर लाखों रुपये का खेल, सरकार को ऐसे लगा रहे चूना

संवाददाताः पिंटू केशरी

चंदौली। लीजिए सरकार की इस योजना में भी खेल हो गया। नौगढ़ ब्लाक के कई ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण पूरा हुए बगैर ही उनकी सफाई व देखरेख के नाम पर लाखों रुपये स्वयं सहायता समूहों के खाते में भेजकर बाद में धन का बंदरबाट करने का मामला सामने आया है। यदि पूरे मामले की जांच कराई जाए तो किए भ्रष्टाचार का बड़ा खेल उजागर होगा और कइयों की गरदन फंसेगी।
नौगढ़ क्षेत्र में 40 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए धन अवमुक्त हुआ था। एक साल बाद भी सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा है। मजेदार यह कि पंचायतों ने अधूरे शौचालयों को ही समूह की महिलाओं को हैंडओवर कर दिया है। जबकि 17 ग्राम पंचायतों में शौचालय हैंडओवर किए बगैर ही देखरेख और साफ सफाई के लिए 27 हजार की दर से प्रधान और पंचायत सचिवों ने समूहों के खाते में धन ट्रांसफर कर दिया है। सवाल यह उठता है कि जब शौचालय ही अधूरे बने हैं तो कैसी सफाई और देखरेख। ग्रामीणों का कहना है कि सामुदायिक शौचालयों में विद्युत कनेक्शन, मोटर, टाइल्स, टोटी, रंगाई-पोताई, पानी टंकी लगवाई ही नहीं गई है। अधूरे सामुदायिक शौचालयों को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को कैसे हैंडओवरकर दिया गया। ऐसा करके शासन की मंशा पर पानी फेेरा जा रहा है। जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यदि हैंडओवर हुए सामुदायिक शौचालयों की वर्तमान स्थिति की जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी।

जानिए क्या बोले अधिकारी
एडीओ पंचायत प्रेमचंद्र का कहना है कि ग्राम पंचायतों को हर महीने प्रति सफाई कर्मचारी ₹6000 और सफाई व्यवस्था के लिए ₹3000 समूह को देने का प्राविधान है। फर्जी भुगतान का मामला संज्ञान में नहीं है, जहां सामुदायिक शौचालय नहीं तैयार हैं, वहां जल्द ही तैयार कराकर समूह को हैंडओवर करा दिया जाएगा। यदि गलत पैसा खाते में भेजा गया है तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

 

अधूरे सामुदायिक शौचालय समूहों को कतई हस्तांतरित नहीं होने चाहिए। यदि ऐसा हुआ है तो इसकी जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। सुदामा यादव, खंड विकास अधिकारी नौगढ़

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