
चंदौली। जीरो टालरेंस नीति की हिमायती योगी सरकार भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लगा पा रही। ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार से जुड़े ऐसे ही मामलों में डीपीआरओ ने दो ग्राम पंचायत अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वहीं लापरवाही बरतने पर दो सफाईकर्मी भी निलंबित किए गए हैं। महकमे के बदले रुख से लापरवाह कर्मचारी सकते में हैं। रक्षामंत्री के गांव भभौरा में पंचायत भवन की बदहाली पर पूर्वांचल टाइम्स ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, जिसको डीपीआरओ ने संज्ञान में लिया।
दो ग्राम पंचायत अधिकारी निलंबित
चकिया ब्लाक के ग्राम पंचायत भाष्करपुर के ग्राम पंचायत अधिकारी वरूण सिंह पर आरोप है कि ग्राम निधि के खाते से तकरीबन आठ लाख रुपये निकालने के बाद भी पंचायत भवन की मरम्मत और प्राथमिक विद्यालय भाष्करपुर और प्राथमिक विद्यालय चंडीपुर का कायाकल्प नहीं कराया। इसमें प्रधान जी की मिलीभगत भी सामने आ रही है। सभी कार्य अधूरे पाए गए। यही नहीं वरूण सिंह ने आदेश के बाद भी अपना चार्ज दूसरे ग्राम पंचायत अधिकारी श्रीचंद्र को नहीं दिया। डीपीआरओ ब्रह्मचारी दुबे ने इन्हे निलंबित करने के साथ ही जांच भी बैठा दी है। वहीं सकलडीहा में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी अशोक कुमार पर आरोप है कि चकिया ब्लाक के ग्राम पंचायत भभौरा में तैनाती के दौरान ग्राम प्रधान के संयुक्त हस्ताक्षर से तकरीबन 17 लाख रुपये निकालने के बाद भी पंचायत भवन का कार्य पूर्ण नहीं कराया। वहीं ग्राम पंचायत मुजफ्फरपुर में सामुदायिक शौचालय निर्माण के नाम लगभग चार लाख रुपये डकार गए। शौचालय भी आधार अधूरा बना है। डीपीआरओ ने अशोक कुमार को निलंबित करते हुए जांच बैठा दी है।
दो सफाईकर्मचारी भी निलंबित
डीपीआरओ ने कार्य में लापरवाही बरतने और ग्रामीणों की शिकायत पर चकिया ब्लाक के भाष्करपुर में नियुक्त सफाईकर्मी अवधेश कुमार यादव और शहाबगंज ब्लाक के बेन गांव के सफाईकर्मी पंकज सिंह को निलंबित कर दिया है। दोनों सफाईकर्मी अव्वल दर्जे के लापरवाह थे। अनुशासनिक कार्रवाई के लिए अपर जिला पंचायत राज अधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया गया है।