चंदौली। विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को प्रत्याशियों की नामांकन वापसी हुई। इस दौरान दो प्रत्याशियों ने अपनी दावेदारी वापस ले ली। चकिया से निर्दलीय उर्मिला व मुगलसराय से लियाकत के नाम वापसी के बाद चुनाव मैदान में अब 43 उम्मीदवार बचे हैं। नामांकन वापसी के बाद प्रत्याशियों को प्रतीक चिह्न का आवंटन किया गया। जिले में सातवें चरण में सात मार्च को मतदान होगा। वहीं 10 को मतगणना होगी।
चकिया विधानसभा से चुनाव मैदान में 10 प्रत्याशी हैं। इसमें भाजपा के कैलाश खरवार, सपा के जितेंद्र कुमार, बसपा के विकास आजाद, कांग्रेस से रामसुमेर राम, कम्युनिष्ट पार्टी आफ इंडिया (मार्क्सवादी) से जयनाथ, कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के अनिल, सर्वजन सनातन पार्टी के रामकिशुन, जन अधिकार पार्टी के सुभाष सोनकर, निर्दलीय उम्मीदवार कमलाशंकर और रामअवध खरवार शामिल हैं। मुगलसराय विधानसभा में भाजपा के रमेश जायसवाल, सपा के चंद्रशेखर यादव, बसपा के इरशाद अहमद, कांग्रेस के छब्बू पटेल, सुभासपा के राजू प्रसाद प्रजापति, मौलिक अधिकार पार्टी के बृजेश कुमार, बहुजन मुक्ति पार्टी के दयानिधि सिंह यादव, आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लेमीन के आबिद अली, समग्री उत्थान पार्टी के अजीत कुमार सिंह, विकासशील इंसान पार्टी के शैलेष कुमार, आम आदमी पार्टी के साजिद अली, निर्दलीय इनायत उल्लाह खान व विकेश कुमार समेत 13 प्रत्याशी ताल ठोकेंगे। सकलडीहा से नौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। भाजपा के सूर्यमुनी तिवारी, सपा के प्रभुनारायण सिंह यादव, बसपा के जयश्याम त्रिपाठी, कांग्रेस के देवेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना, जन अधिकार पार्टी की चंदा, आम जनता पार्टी (इंडिया) के रविकांत विश्वकर्मा, राष्ट्रीय कृषक दल के रामधारी यादव, बहुजन मुक्ति पार्टी के शमीम राईन, मौलिक अधिकार पार्टी के ईं. श्यामलाल विश्वकर्मा अपनी किस्मत आजमाएंगे। सैयदराजा विधानसभा में 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा के सुशील सिंह, सपा के मनोज कुमार सिंह डब्लू, बसपा के अमित यादव लाला, कांग्रेस की विमला, जनता राज पार्टी के महेश कुमार, जन अधिकार पार्टी के शाहजमा खान शाही, आजाद समाज पार्टी के सिद्धार्थ प्राणबाहू, आम आदमी पार्टी के सुरेश सिंह, निर्दलीय उम्मीदवार नीलू सिंह, रमेश व रविंदर मैदान में हैं। सुबह 11 से दोपहर तीन बजे तक नामांकन वापसी की प्रक्रिया चली। इसके बाद आरओ ने चुनाव मैदान में बचे प्रत्याशियों को प्रतीक चिह्न का आवंटन किया। इस दौरान कलेक्ट्रेट में प्रत्याशी व उनके प्रस्तावकों का आना-जाना लगा रहा। सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे।