चंदौली। रक्तदान को महादान यूं ही नहीं कहा जाता। 80 वर्ष के वृद्ध लालबहादुर का कूल्हा दूसरी दफा टूटा तो आपरेशन के लिए रक्त की आवश्यकता पड़ी। परिजन परेशान हो गए। ऐसे में हरिओम चौरसिया ने मददगार के रूप में सामने आए और रक्त देकर वृद्ध की सहायता की।
चकिया ब्लाक के अकोढ़वा निवासी 80 वर्ष के वृद्ध लालबहादुर का कुछ माह पहले कूल्हे का आपरेशन हुआ था। किसी तरह दोबारा फिर से कूल्हा टूट गया। अस्पताल पहुंचे तो चिकित्सक ने आपरेशन के लिए ब्लड की आवश्यकता बताई। ऐसे मुश्किल वक्त में हरिओम चौरसिया ने अपना खून दिया और वृद्ध कर मदद की। हरिओम का कहना है कि रक्तदान सबसे बड़ा दान है। सभी को समय-समय पर रक्तदान करना चाहिए, ताकि दूसरों की मदद हो सके।
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