
चंदौली। गंगा का जलस्तर दूसरे दिन भी घटाव की ओर रहा। लेकिन अभी भी गंगा खतरे के निशान से 62 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। वाराणसी केंद्रीय जल आयोग की रिर्पाेट के मुताबिक शनिवार की सुबह जलस्तर 72.16 से घटकर 71.88 मीटर दर्ज किया गया है। कयास लगाया जा रहा है कि अब गंगा के जलस्तर में धीरे धीरे कमी आएगी। इससे तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों को राहत भी मिलने लगी है।
जलस्तर घटने से बढ़ा संक्रामक रोगों का खतरा
जनपद में गंगा के बाढ़ से घिरे गांवों से अब पानी निकलने के बाद घरों में कीचड़ और फसलों की सड़ांध से उठने वाली दुर्गंध के कारण लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। इससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का ग्रामीणों में भय बन गया है। इसके चलते कई परिवार सड़क सहित छतों पर डेरा डाले है।
ग्रामीणों में आक्रोश, अभी तक गांवों में नहीं पहुंचे अधिकारी
जनपद के चार दर्जन से अधिक गांव पिछले दिनों गंगा के रौंद्र रूप का शिकार हो गए थे। इस मुसीबत की घड़ी में तहसील प्रशासन बाढ़ चौकियों और ग्रामीणों के बीच राहत सामग्री पहुंचाने का दावा कर रहा था, लेकिन जमीनी हकीकत प्रशासनिक दावों से अलग दिखी। गंगा तटवर्ती इलाके के रौना, कुरहना, कैली, भूपौली आदि गांव के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अब तक प्रशासनिक अमला उनका हाल जानने के लिए नहीं पहुंचा। उनके आशियाने जमींदोज हो गए, साथ ही पशुओं के चारे भी गंगा में आई बाढ़ में डूब गए। ग्रामीणों को दाने-दाने के लाले पड़ गए है, लेकिन अभी तक उनकी सुधि लेने के लिए कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा।