
चंदौली। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 98 में से 70 जिलों में अध्यक्ष की घोषणा कर दी है। शेष बचे जिलों की सूची रोक दी गई। इसमें प्रदेश चुनाव अधिकारी व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र पांडे का जिला चंदौली भी शामिल है। चंदौली से कुल 36 लोगों ने अध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया था। बावजूद अध्यक्ष की घोषणा न होना राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। कहा जा रहा है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के बाद ही बचे हुए जनपदों में अध्यक्ष घोषित किए जाएंगे। बैठक से ठीक पहले चंदौली को सूची से बाहर करने की वजह धीरे-धीरे सामने आ रही है।
चंदौली में अध्यक्ष की घोषणा नहीं होने के पीछे की यह वजह तो नहीं
सूत्रों की माने तो चंदौली में अध्यक्ष पद के लिए भले ही 36 लोगों ने आवेदन किया लेकिन तीन नामों पर ही मंथन चल रहा था। पूर्व जिला अध्यक्ष सर्वेश कुशवाहा, जिला महामंत्री जितेंद्र पांडे और वर्तमान जिला अध्यक्ष काशीनाथ सिंह प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं। इन्हीं नामों पर शीर्ष नेतृत्व ने काफी मंथन किया। सूत्र बताते हैं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे अपने चहेते पूर्व जिला अध्यक्ष सर्वेश कुशवाहा को दोबारा जिले की कमान सौंपने के पक्ष में थे। उनका नाम तकरीबन फाइनल हो चुका था लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि सर्वेश कुशवाहा के नाम पर सहमत नहीं थे। वहीं सर्वेश कुशवाहा की उम्र भी उनकी ताजपोशी में आड़े आ रही है। भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए अधिकतम आयु 60 वर्ष तय की है। लिहाजा विरोध और उम्र के मानक को देखते हुए ही चंदौली में अध्यक्ष को लेकर होने वाली बैठक को अंतिम समय में रद्द कर दिया गया। हालांकि चंदौली में अध्यक्ष की घोषणा टलने को लेकर जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं।