चंदौली। खाद्य सुरक्षा अधिनियम का बेजा लाभ लेने वाले अब सूची से बाहर होंगे। इसको लेकर शासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है। ग्राम पंचायत स्तर पर अंत्योदय व पात्र गृहस्थी कार्डधारकों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया है। हर सप्ताह रिपोर्ट भेजी जाएगी। शासन के फरमान के बाद जिलाधिकारी ईशा दुहन ने संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देशित किया है।
सरकार की ओर से गरीबों का पेट भरने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया है। हालांकि योजना में कई तरह के भ्रष्टाचार व्याप्त हैं। कोटेदारों की मिलीभगत से अपात्रों के राशन कार्ड बनाए गए हैं। इसके जरिए कोटेदार राशन की ब्लैक मार्केटिंग भी करते हैं। इससे सरकार को हर माह करोड़ों का चूना लगता है। ऐसे में शासन ने कार्डधारकों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया है।
ग्राम पंचायतों में सेक्रेटरी को जिम्मेदारी
राशनकार्ड लाभार्थियों के सत्यापन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अथवा ग्राम विकास अधिकारियों को सौंपी गई है। वहीं एडीओ पंचायत पूरी प्रक्रिया की मानीटरिंग के लिए नोडल बनाए गए हैं। सत्यापन की प्रगति रिपोर्ट हर सप्ताह उच्चाधिकारियों को भेजनी होगी। सत्यापन के दौरान अपात्रों के नाम सूची से काटने के साथ ही उनके राशन कार्ड भी निरस्त किए जाएंगे। अधिकारियों के निर्देशानुसार अपात्रों से रिकवरी भी कराई जा सकती है।
जिले में लगभग तीन लाख कार्डधारक
जिले में लगभग तीन लाख राशन कार्डधारक हैं। इसमें अंत्योदय व पात्र गृहस्थी कार्डधारक शामिल हैं। सभी को हर माह दो बार राशन व शासन से आवंटित सामग्री का वितरण किया जाता है। कोटेदार कार्डधारकों से ई-पाश मशीन पर अंगूठा लगवाने के बाद उन्हें अनाज व सामग्री का वितरण करते हैं।