चंदौली। अलीनगर क्षेत्र के सिकटिया में जातीय संघर्ष की घटना ने कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। युवक की मौत के बाद एक्शन में आई पुलिस ने 10 नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू कर दी है। दो आरोपितों को पकड़ लिया गया है। पुलिस सिकटिया निवासी युवा नेता अमर जायसवाल को घटना का सूत्रधार मान रही है। सपा नेताओं खासकर पूर्व विधायक बब्बन चौहान के करीबी मोनू ने ही जातीय संघर्ष की आग में घी डालने का काम किया। घटना के बाद से फरार मोनू को पुलिस शिद्दत से तलाश रही है।
मोनू जायसवाल ने इस तरह दी विवाद को हवा
पुलिस ने अनुसार छठ पर्व के दौरान पोस्टर लगाने को लेकर तारनपुर दुसधान और सिकटिया गांव के दो पक्षों में विवाद हुआ। सिकटिया निवासी यादव बस्ती के एक युवक की बाइक तोड़ दी गई। दोनों पक्ष थाने पहुंचे तो इस बात पर समझौता हुआ कि बाइक ठीक कराने में जो भी खर्च आएगा उसे दोनों पक्ष वहन करेंगे। पुलिस के अनुसार मोनू जायसवाल ने एक पक्ष से पांच हजार रुपये खुद देने की बात कबूल की थी। लेकिन उसने पीड़ित पक्ष को पैसे नहीं दिए। जिससे आक्रोश बरकरार रहा। नगर पालिका पीडीडीयू नगर चेयरमैन पद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा मोनू सिकटिया के मनबढ़ युवकों को शह भी देता था। पुलिस की माने तो मोनू जायसवाल नहीं चाहता था कि दुसधान और यादव बस्ती के बीच समझौता हो। अलीनगर थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि दो अभियुक्तों कमला यादव और उसके भांजे बाबा यादव को गिरफ्तार किया जा चुका है। अमर जायसवाल उर्फ मोनू को भी आरोपित बनाया गया है। उसकी तलाश की जा रही है। विवाद को हवा देने वालों में उसका भी नाम सामने आया है।
यहां हुई पुलिस से चूक
तारनपुर दुसधान और सिकटिया यादव बस्ती के बीच विवाद को पुलिस सुलझ-समझौते के आधार पर हल कराने का प्रयास प्रयास करती रही। पुलिस को लगा कि कार्रवाई हुई तो मामला और तूल पकड़ लेगा। थाने पर दोनों पक्ष समझौते को राजी भी हो गए थे। पुलिस की यही नरमी चूक साबित हुई और आज महकमा कटघरे में खड़ा हो गया है।