चंदौली। यूपी विधान सभा चुनाव में बसपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे दलों को करारा झटका लगा है। 2007 चुनाव में जिले की चार में तीन विधानसभा सीटों पर अपने विधायकों को जीताने वाली बसपा की इस बार मुगलसराय विधानसभा में जमानत तक जब्त हो गई। बसपा प्रत्याशी इरशाद अहमद को विधानसभा में पड़े कुल वैध मतों के छठवें हिस्से के बराबर भी वोट नहीं मिल सका। हालांकि पार्टी उम्मीदवारों ने चकिया, सैयदराजा व सकलडीहा में किसी तरह अपनी जमानत बचाई। जबकि कांग्रेस और आप के प्रत्याशी सभी सीटों पर जमानत जब्त करा बैठे।
विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर बसपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे। हालांकि कहीं भी 50 हजार का आंकड़ा पार नहीं कर सके। सबसे खराब स्थिति मुगलसराय विधानसभा की रही। यहां से बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे इरशाद अहमद को मात्र 31 हजार 602 वोट ही मिले। यहां कुल 239376 वैध मत पड़े थे। इस लिहाज से 39896 से अधिक मत पाने वाले प्रत्याशियों की ही जमानत बच सकती है। हालांकि इस आंकड़े से आगे सिर्फ सपा प्रत्याशी चंद्रशेखर यादव और चुनाव जीतकर विधायक बने भाजपा के रमेश जायसवाल ही रहे। बसपा प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सके। कांग्रेस व आप प्रत्याशी किसी भी विधानसभा में अपनी जमानत नहीं बचा सके। सैयदराजा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी विमला को महज 2955 वोट मिले। आप प्रत्याशी सुरेश सिंह को 293 मतों से ही संतोष करना पड़ा। इसी तरह मुगलसराय विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी छब्बू पटेल को महज 5344 वोट मिले। वहीं आप उम्मीदवार साजिद अली को 593 वोट मिले। सकलडीहा विधानसभा में कांग्रेस के देवेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना को महज 5136 वोट ही मिले। चकिया में कांग्रेस प्रत्याशी जयनाथ को 2406 मत मिले।
ये है निर्वाचन आयोग का मानक
भारत निर्वाचन आयोग के मानक के अनुसार चुनाव लड़ने वाले सामान्य व पिछड़ी जाति के प्रत्याशियों को 10 हजार रुपये जमानत राशि जमा करानी होती है। वहीं महिला व अनुसुचित जाति के प्रत्याशियों को जमानत राशि में 50 प्रतिशत की छूट मिलती है। निर्वाचन के बाद प्रत्याशियों को जमानत राशि लौटाने का प्रविधान है। हालांकि उन्हीं प्रत्याशियों को जमानत राशि वापस मिलती है जिन्हें विधानसभा क्षेत्र में कुल पड़े वैध मतों के छठवें हिस्से के बराबर मत मिले हों।