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चंदौलीप्रशासन एवं पुलिसराज्य/जिला

चंदौलीः एसपी के हाथ से फिसल रही बाजी, कप्तान की मंशा पर भ्रष्ट सिस्टम पड़ रहा भारी

चंदौली। अब तो चंदौली पुलिस कप्तान भी मान गए होंगे कि महकमे से भ्रष्टाचार समाप्त करना इतना भी आसान नहीं है। मलाईदार थानों पर जमे पुलिसकर्मियों को हटाने में एसपी नाकाम साबित हो रहे हैं। अपने ही फैसलों को बदलना पड़ रहा है। जुगाड़ू पुलिसकर्मी सिस्टम में खामी का फायदा उठा रहे हैं और एसपी के हाथ से बाजी फिसलती नजर आ रही है।

अपने ही फैसलों को बदल रहे चंदौली एसपी
वर्षों से मलाईदार थानों पर जमे कई पुलिसकर्मियों को एसपी ने नक्सल प्रभावित नौगढ़ और चकरघट्टा थाने में भेज दिया था। लेकिन एसपी के फैसले को दरकिनार कर कई पुलिसकर्मी जुगाड़ के सहारे अभी भी थानों पर जमे हुए हैं, जिसमें कई कारखास भी शामिल हैं। लंबे समय तक मुगससराय कोतवाली में रहे शैलेंद्र कुमार उपाध्याय का नाम तब चर्चा में आया था जब कोतवाली पुलिस की अवैध वसूली लिस्ट वायरल हुई थी। इसके बाद तत्कालीन इंस्पेस्टर के खिलाफ कार्रवाई हुई और शैलेंद्र उपाध्याय का भी स्थानांतरण पीआरवी में कर दिया गया। कुछ दिन पहले ही एसपी ने शैलेंद्र उपाध्याय का स्थानांतरण चकरघट्टा कर दिया था। लेकिन शुक्रवार को शैलेंद्र उपाध्याय को चकरघट्टा से बबुरी थाने में तैनाती दे दी गई। जबकि मलाईदार थाना सैयदराजा में तैनात मुख्य आरक्षी शमशेर बहादुर सिंह चकरघट्टा थाने में किया गया स्थानांतरण एसपी ने निरस्त कर दिया।

कोर्ट से निलंबित किए गए दारोगाओं को मिला मलाईदार थाना
धान खरीद में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की विवेचना में लापरवाही बरतने पर न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन एसपी अमित कुमार ने शिवानंद वर्मा, सुनील मिश्रा और राजकुमार यादव को निलंबित कर दिया था। एसपी ने तीनों दारोगाओं को मलाईदार थानों पर भेज दिया है। शिवानंद वर्मा और सुनील मिश्रा और सैयदराजा तथा राजकुमार यादव को चंदौली कोतवाली में तैनाती दे दी है।

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