
वाराणसी : दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने दौरे के दूसरे दिन विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से विपक्ष के लोगों द्वारा सनातन धर्म का अपमान किया जा रहा है इसे देश के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं उन्होंने दावा किया कि 2024 में तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी।
दरअसल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे। दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को मीडिया कर्मियों से उन्होंने बातचीत की। ए द्वारा मीडिया कर्मियों द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान को लेकर एक सवाल पूछा गया। सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस समय देश विश्व के नेतृत्व करने की ओर आगे बढ़ रहा है।
2024 में तीसरी बार मोदी सरकार बनाना सुनिश्चित है। कांग्रेस सहित उसकी अगुवाई में जो तथाकथित रूप से गठबंधन बना है। वह गठबंधन लोकसभा चुनाव से पहले देश का माहौल करने का असफल प्रयास कर रहा है। इसी प्रकार की बातें कभी दक्षिण भारत के राजनीतिक दल तो कभी यूपी में समाजवादी व अन्य पार्टियों द्वारा किया जाता है।
इसके अलावा कभी बिहार तो कभी दिल्ली से भी इस तरह की बयानबाजी सामने आती है। यह अपमान देश सहन नहीं करेगा और किसी के कहने से सनातन धर्म न तो कमजोर पड़ सकता है और ना ही उसे कोई कमजोर कर सकता है। सनातन आदि वर्तमान और भविष्य है।
वहीं अयोध्या में मूर्तियों के अवशेष पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कोई कहने की बात नहीं है, देश में मुगल आक्रमणकारियों ने जब अपना वर्चस्व स्थापित किया तो हमारे धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया। अयोध्या मथुरा काशी या हमारे किसी अन्य मंदिर को उन लोगों ने गाना बनाया।
विपक्ष का काम ही है तुष्टीकरण की राजनीति करना, जातिवाद की राजनीति करना, परिवारवाद की राजनीति करना, भ्रष्टाचार की राजनीति करना और राजनीति करके केवल अपने परिवार का भला करना। लेकिन अब यह देश इससे बाहर निकल चुका है। विकास की ओर पूरी तरीके से लोगों की दृष्टि लगी हुई है और तीसरी बार मोदी सरकार बनाने के लिए देश तैयार है।
गठबंधन के द्वारा पत्रकारों की सूची जारी करने के मामले पर उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के ऊपर हमला है, इसका जवाब भी जनता देगी। उन्होंने यह भी कहा कि तथाकथित गठबंधन से जुड़े राजनीतिक दल तथा कांग्रेस के नेताओं को बिना शर्त मीडिया के भाइयों से माफी मांगनी चाहिए और यह सूची वापस लेनी चाहिए। इस तरीके का काम करने का लोकतंत्र में किसी को इजाजत नहीं है।