
चंदौली। बैंडिट क्वीन के नाम से मशहूर कुख्यात डकैत और बाद में सांसद बनीं फूलन देवी के हत्यारोपी क्षत्रिय नेता शेर सिंह राणा रविवार को महड़ौरा प्रधानपति पंकज सिंह के तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया और आरोपितों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की। शेर सिंह के साथ दर्जनों वाहनों का काफिला था। पुलिस भी अलर्ट रही और जगह-जगह सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। पुलिस ने वाहनों की तलाशी भी ली और काफिले की गाड़ियों को एक-एक कर आगे जाने दिया गया।
जाने शेर सिंह राणा के बारे में
दस्यु सुंदरी और बाद में सांसद बनीं फूलन देवी की हत्या के मामले में शेर सिंह राणा आजीवन कारावास की सजा पा चुके हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि राजपूतों की हत्या का बदला लेने के लिए उन्होंने फूलन देवी को गोली मारी। शेर सिंह राजनीति में भी किस्मत आजमाते रहे हैं। सजायाफ्ता होने के बाद उन्हें सबसे बड़ी और सुरक्षित मानी जाने वाली तिहाड़ जेल में रखा गया था। लेकिन शेर सिंह तिहाड़ जेल से भाग निकले और बाद में अफगानिस्तान जाकर वहां से पृथ्वीराज चाौहान के अवशेषों को भारत लाए। शेर सिंह के आगमन को देखते हुए चंदौली पुलिस मुस्तैद रही। उनके साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद रहे। महड़ौरा में तकरीबन आधा घंटा रुकने के बाद वे अपने काफिले के साथ निकल गए।