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चंदौलीप्रशासन एवं पुलिसराज्य/जिला

शराब गटकने और भांग छानने के मामले में प्रदेश में दूसरे स्थान पर चंदौली, आंकड़े बयां कर रहे कहानी

चंदौली। यूं तो चंदौली प्रदेश के अतिपिछड़े जिलों में शुमार है। लेकिन शराब गटकने और भांग छानने के मामले में सभी जिलों को पीछे छोड़ते हुए प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। इस वर्ष आबकारी विभाग ने शराब और भांग के जरिए 443.77 करोड़ का राजस्व जमा किया है। नए वित्तीय वर्ष में शासन की ओर से आबकारी विभाग को 518.50 करोड़ रुपये राजस्व जमा करने का लक्ष्य मिला है।

चंदौली जिले में शराब की कुल 255 दुकानें है। जबकि भांग की 50 दुकाने भी संचालित हो रही हैं। बिहार में शराबबंदी का लाभ चंदौली को मिलता है। बार्डर की आबकारी दुकानों पर बिहार से भी बड़ी संख्या में खरीदार जुटते हैं। यही वजह है कि जिले का आबकारी विभाग राजस्व देने के मामले में पूरे प्रदेश में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। इस बाबत जिला आबकारी अधिकारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि शराब और भांग की बिक्री से सरकार को 443.77 करोड़ रुपये का राजस्व दिया गया। वहीं नए वित्तीय वर्ष के लिए 518.50 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।

प्रदेश में दूसरे स्थान पर चंदौली
प्रदेश में शराब, भांग की बिक्री से राजस्व देने में चंदौली जिले का आबकारी विभाग दूसरे नंबर पर है। जबकि प्रदेश के सभी जनपदों से आबकारी विभाग के जरिए शराब, तथा भांग की बिक्री से सरकार को 36 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।

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