
चंदौली। जिले की चारों विधानसभा सीटों से भाजपा उम्मीदवारों ने नामांकन कर दावेदारी पेश कर दी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री व सांसद डाक्टर महेंद्रनाथ पांडेय के साथ ही पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे, लेकिन मुगलसराय व चकिया विधायक की गैरमौजूदगी खटकती रही। इसको लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि टिकट कटने की ऐसी नाराजगी कि उन्होंने खुद को नामांकन और प्रचार से दूर कर लिया।
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने इस बार मुगलसराय से विधायक साधना सिंह व चकिया से शारदा प्रसाद का टिकट काटकर उनके स्थान पर क्रमशः रमेश जायसवाल और कैलाश खरवार को टिकट पकड़ा दिया। दोनों विधायक दिल्ली से लेकर लखनऊ तक अपनी दावेदारी साबित करने में लगे रहे, लेकिन संगठन का भरोसा नहीं जीत सके। पार्टी के चारों उम्मीदवार कलेक्ट्रेट में नामांकन कर चुके हैं। इस दौरान जिले के सांसद और केंद्रीय मंत्री के साथ ही जिलाध्यक्ष समेत पार्टी के अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे। लेकिन दोनों वर्तमान विधायक दिखाई नहीं दिए। विधायकों ने सैयदराजा से भाजपा प्रत्याशी सुशील सिंह व सकलडीहा से उम्मीदवार सूर्यमुनी तिवारी के नामांकन से भी दूरी बनाए रखी। इससे सवाल खड़ा होना लाजिमी है। प्रत्याशियों को जीत हासिल करने के लिए संगठन के साथ ही वर्तमान विधायकों की भी मदद की दरकार होगी। नामांकन से उनके दूरी बनाने के कई मतलब निकाले जा रहे हैं।
समर्थकों में दिखा था आक्रोश
मुगलसराय विधायक साधना सिंह का टिकट कटने से समर्थकों में गहरा आक्रोश देखने को मिला था। केंद्रीय नेतृत्व के फैसले को गलत बताते हुए दोबारा विचार करने की मांग की थी। ऐसे में टिकट वितरण को लेकर संगठन का एक धड़ा अभी भी अंदर ही अंदर नाखुश है। चुनाव में यदि सभी को एकजुट नहीं किया गया तो इसके नकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं। कम से कम जनता के सामने एकजुटता दिखानी होगी, तभी लोगों का भरोसा बढ़ेगा। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या दोनों विधायकों की पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता केवल टिकट तक ही सीमित थी।