
चंदौली। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और यातायात नियमों के प्रभावी अनुपालन हेतु एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। शासन के पत्र संख्या-06/2025/364/तीस-3-2025, परिवहन अनुभाग-3 लखनऊ के अनुसार, न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे (पूर्व न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय) की अध्यक्षता में आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए हैं।
प्रदेश के सभी शासकीय एवं अर्द्धशासकीय कार्यालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए हेलमेट एवं सीटबेल्ट का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। दोपहिया वाहन से कार्यालय आने वाले प्रत्येक कर्मचारी को हेलमेट पहनना होगा, वहीं उनके साथ यात्रा करने वाले सहयात्री (पिलियन राइडर) के लिए भी हेलमेट आवश्यक होगा। इसी प्रकार, चारपहिया वाहन से आने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए सीटबेल्ट लगाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन के उपयोग पर भी प्रतिबंध रहेगा।
नियमों के अनुपालन की सख्त निगरानी होगी:
- सभी सरकारी एवं अर्द्धसरकारी कार्यालयों के प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रवेश करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी हेलमेट या सीटबेल्ट का पालन कर रहे हैं। बिना हेलमेट या सीटबेल्ट के किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
- यातायात पुलिस और जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि वे इस नियम का कड़ाई से पालन कराएं और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें।
- सभी सरकारी कर्मचारी सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा दें और हेलमेट व सीटबेल्ट के उपयोग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
शासन द्वारा जारी निर्देश केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रत्येक कर्मचारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम है। सभी विभागाध्यक्षों को अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से इन नियमों का कड़ाई से पालन करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस पहल को गंभीरता से अपनाने से सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।