चंदौली। चंदौली पुलिस के सिपाही ने ईमानदारी की अनूठी मिसाल प्रस्तुत की। पुलिस लाइन के बाहर कोई व्यक्ति रुपये से भरा बैग बाइक पर भूलकर चला गया था। लावारिस बैग देखकर सिपाही ने उसे खोला तो काफी पैसे थे। पुलिसकर्मी ने अपने अन्य साथियों को यह बात बताई। बैग में मिले कागजात के आधार पर न सिर्फ मालिक को सूचना दी बल्कि उसे बैग वापस कर दिया। बैग मालिक ने सिपाही की काफी प्रशंसा की। बैग में दो लाख रुपये थे। पुलिस अधीक्षक ने आरक्षी के अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा व ईमानदारी की सराहना व प्रशंसा करते हुए पुरस्कृत एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान करने की घोषणा की।
आरक्षी अनन्त कुमार सिंह जो थाना अलीनगर में नियुक्त हैं। वर्तमान में विशेष ड्यूटी/प्रशिक्षण हेतु पुलिस लाइन से सम्बद्ध हैं। अनंत दोपहर में मेन गेट पर संतरी ड्यूटी में तैनात थे। गेट के बाहर पार्किंग स्थल पर खड़ी मोटरसाइकिलों में से एक मोटरसाइकिल पर काले रंग का बैग दिखा, कुछ समय इंतजार के बाद बैग के पास जाकर उसे खोलकर देखा। देखते ही अचम्भित हो उठे। बैग नोटों की गड्डियों से भरा था। आरक्षी ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित टेलीफोन ड्यूटी पर अन्य पुलिसकर्मी के समक्ष बैग का पूरा निरीक्षण किया। रुपये के साथ ही अन्य आवश्यक कागजात भी थे। कागजातों के आधार पर बैग मालिक का पता चला। उनसे सम्पर्क करते हुए बैग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई। अपने गुम बैग की जानकारी होते ही मालिक बदहवास हो उठे। कुछ समय बाद बैग के मालिक हिंगुतरगढ़ निवासी जयराम सिंह आए और अपना बैग पाकर काफी खुश हुए। उनको अपना पूरा पैसा व कागजात चेक करा सुपुर्द किया गया। वह पुलिस की प्रशंसा करते थक नहीं रहे थे। उन्होंने बताया कि मैं धानापुर इण्टर कालेज में शिक्षक था तथा वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुका हूं। मैं अपनी कार का रजिस्ट्रेशन कराने परिवहन कार्यालय जा रहा था इसी कारण नकद रुपये बैग में लेकर जा रहा था। मेरे एक रिश्तेदार का फोन आया कि मैं पुलिस लाइन के पास हूं। पुलिस लाइन के पास पहुंच अपनी कार से उतर उनसे बातचीत करने लगा, बातचीत के दौरान ही हाथ में लिया बैग यहां खड़ी मोटरसाइकिल पर रख दिया और जाते समय उसे लेना भूल गया। मैंने तो सोच लिया था कि अब मेरा पैसा व कागजात मिलने से रहा।