
चंदौली। रविवार की सुबह तक सबकुछ ठीक था। दो युवा खिलाड़ी प्रमोद पासवान और आकाश यादव रोज की तरह फुटबाल की प्रैक्टिस करने घर से निकले। इस बात से बेपरवाह और अंजान की यह उनका आखिरी सफर है। जरा सी लापरवाही और परिवार को ताउम्र नहीं भूलने वाला गम देकर चले गए। कान में ईयरफोन लगे होने के चलते ट्रेन की आवाज और हार्न नहीं सुन सके। प्रमोद की मई में शादी थी जबकि आकाश की बहन की शादी भी एक माह बाद होने वाली थी, जिन घरों में शहनाई की आवाज गूंजने वाली थी अब वहां मौत का मातम सुनाई दे रहा है।
जीवनपुर निवासी मुनिलाल का पुत्र आकाश यादव और चकिया क्षेत्र के अरारी गांव निवासी सुदर्शन पासवान का पुत्र प्रमोद फुटबाल के अच्छे खिलाड़ी थे। दोनों सेना भर्ती की तैयारी भी कर रहे थे। होनहार थे इसलिए परिवार के लोगों को पूरा भरोसा था कि दोनों अपनी मंजिल को पा लेंगे। लेकिन सांसों की डोर टूटी तो परिवारवालों का सपना भी चूरचूर हो गया। तारापुर रेलवे फाटक पार करते समय मेमो ट्रेन की चपेट में आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोनों ने कान में ईयरफोन लगा रखा था, जिससे ट्रेन की आवाज नहीं सुन सके। यही नहीं गेटमैन भी चिल्लाकर आगाह करता रह गया। दोनों ट्रेन में फंसकर तकरीबन पांच सौ मीटर तक घिसटते चले गए। बहरहाल युवकों की जिंदगानी अब कहानी बनकर रह गई है। घर में मातम है। पूरा गांव गमजदा है।