- पत्नी के खाते में रेलकर्मियों के वेतन की धनराशि भेजकर किया था करोड़ों का गबन मुगलसराय कोतवाली में दर्ज था मुकदमा, कैलाशपुरी स्थित किराये के मकान के पास धराया लिपिक और पत्नी से पूछताछ के साथ ही विधिक कार्रवाई में जुटी रही पुलिस
- पत्नी के खाते में रेलकर्मियों के वेतन की धनराशि भेजकर किया था करोड़ों का गबन
- मुगलसराय कोतवाली में दर्ज था मुकदमा, कैलाशपुरी स्थित किराये के मकान के पास धराया
- लिपिक और पत्नी से पूछताछ के साथ ही विधिक कार्रवाई में जुटी रही पुलिस
चंदौली। रेलकर्मियों का वेतन धोखे से अपनी पत्नी के बैंक खाते में भेजकर करोड़ों रुपये का गबन करने वाले रेलवे लिपिक को पत्नी के साथ मुगलसराय कोतवाली पुलिस ने कैलाशपुरी स्थित किराये के मकान के पास से गिरफ्तार कर लिया। दोनों को कोतवाली लाकर पूछताछ के साथ ही पुलिस विधिक कार्रवाई में जुटी रही। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस मुकदमा दर्ज कर दोनों की तलाश कर रही थी। लिपिक समेत चार आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की गई थी।
जानिये पूरा मामला
गैंग लीडर युवराज सिंह उर्फ जितेन्द्र सिंह अपने तथा अपने गैंग के सदस्यो के साथ मिल कर आर्थिक भौतिक एवं दुनियावी लाभ अर्जित करने के लिए साजिश के तहत अपनी पत्नी/इस गिरोह की सदस्या के खाते में रेलवे के कर्मचारियों से संबंधित पैसे भेज कर गबन करोड़ों रुपये गबन कर लिए। सहायक सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा बल हरिनरायण राम पुत्र स्व. सामरथी राम का एरियर का पैसा जोन से रिलिज होने के बाद भी उनके खाते में नहीं पहुंचा तो धोखाधड़ी की जानकारी हुई। इस पर उन्होंने तहरीर देकर मुगलसराय कोतवाली में रेलवे लिपिक युवराज सिंह उर्फ जितेन्द्र सिंह, नीतू सिंह व अन्य व्यक्ति नामपता अज्ञात के पंजीकृत कराया गया। छानबीन में पता चला कि युवराज सिंह ने 3 करोड 61 लाख रूपये गबन किए थे। इसमें से 11 लाख 60 हजार रुपये, एक अदद क्रेटा कार व गबन किए गए रुपये से खरीदे गये जमीन का रजिस्ट्री कागजात की बरामदगी व पर्याप्त साक्ष्य के आधार धारा 411/120बी0 भादवि की बढोत्तरी की गयी।
प्रभारी निरीक्षक विजय बहादुर सिंह को जानकारी मिली कि आरोपित पीडीडीयू नगर के कैलाशपुरी स्थित अपने किराये के मकान के पास मौजूद है। इस पर तत्परता दिखाते हुए पुलिस टीम ने घेरेबंदी कर आरोपित युवराज व उसकी पत्नी नीतू सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उसे कोतवाली लाकर पूछताछ के साथ ही पुलिस विधिक कार्रवाई में जुटी रही।