जय तिवारी
चंदौली। चंदौली पुलिस के बाद डीडीयू जीआरपी के दामन पर भ्रष्टाचार का कलंक लगा है। रेल यात्री की पिटाई और जबरन 99 हजार रुपये वसलूी के आरोप में एसपी जीआरपी ने चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। आरोपियों केे खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी गई है। सीओ जीआरपी कुंवर प्रभात सिंह ने कार्रवाई की पुष्टि की है।
मिथिलेश कुमार निवासी चकरा झारखंड अपने मित्र धर्मेंद्र प्रजापति के साथ वाराणसी घूमने निकले। दोनों बुधवार की रात जम्मूतवी एक्सप्रेस से डीडीयू जंक्शन पहुंचे। आरोप है कि जैसे ही प्लेटफार्म पर उतरे जीआरपी के चार सिपाहियों ने दोनों को पकड़ लिया। ट्रेन की बोगी में ही बंधक बनाकर पिटाई की और छोड़ने के एवज में पेटीएम के जरिए 99 हजार रुपये मंगाए। यात्रियों ने इसकी शिकायत एडीजी ए सतीश गणेश से कर दी। एसपी जीआरपी अष्टभुजा सिंह और सीओ कुंवर प्रभात सिंह जंक्शन पहुंचे और जीआरपी कर्मियों से पूछताछ करने के साथ सीसी टीवी फुटेज भी खंगाले। जांच में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर चार जीआरपी कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। सीओ कुंवर प्रभात सिंह ने बताया कि डीडीयू जीआरपी के चार सिपाहियों संजय यादव, अजीत सिंह, प्रकाश सिंह और अखिलेश पासवान को निलंबित करने के साथ धारा 323, 342 और 394 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। विभागीय कार्रवाई के लिए जांच की जा रही है। जीआरपी कर्मियों ने जिस पवन पांडेय नाम के व्यक्ति के खाते में 99 हजार रुपये मंगाए थे उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
जेल जाने से बचे जीआरपी कर्मी
अवैध वसूली से जुडे मामले में चंदौली एसपी अंकुर अग्रवाल ने एक दिन पहले ही सकलडीहा कोतवाली से जुड़े उप निरीक्षक और दीवान को जेल भेज दिया। इस कार्रवाई की नजीर दी जा रही है। लेकिन जीआरपी ने यात्री की पिटाई और वसूली करने वाले चार सिपाहियों को निलंबित कर छोड़ दिया। जीआरपी का दामन दागदार करने वाले इन सिपाहियों के खिलाफ आगे क्या कार्रवाई की जाती है यह देखने वाली बात होगी। सूत्रों की माने तो पूरा मामला तस्करी से जुड़ा है। लेकिन महकमे के आलाधिकारी मामले को दबा रहे हैं।