
चंदौली। ग्राम मसाई में श्री वत्सेश्वर महादेव सेवा ट्रस्ट मसोई द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय श्री शिवमहापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस पर भव्य आयोजन किया गया। कथा वाचक पंडित श्री शिवम शुक्ल जी महाराज ने इस दिन भगवान शिव के विवाह की पावन कथा का विस्तार से वर्णन किया। इस दौरान आतिशबाजी और गाजे-बाजे के साथ भव्य शिव बारात निकाली गई।
कथा व्यास ने कहा कि नारायण की बात का मान रखने के लिए भगवान शिव ने विवाह का संकल्प लिया। शिव जी ने समाधि लगा ली, जिससे देवताओं को चिंता हुई कि यदि उनकी समाधि नहीं खुलेगी, तो तारकासुर का वध कैसे होगा। तब ब्रह्मा जी के निर्देश पर कामदेव को बुलाया गया, जिन्होंने भगवान शिव की समाधि भंग करने का प्रयास किया, लेकिन जैसे ही कामदेव ने बाण चलाया, भगवान शिव का तीसरा नेत्र खुल गया और कामदेव भस्म हो गए। देवताओं ने भगवान शिव की स्तुति की, जिससे प्रसन्न होकर शिव जी ने विवाह के लिए स्वीकृति दे दी। फिर गणों ने भगवान शिव का शृंगार किया और उनकी बारात हिमाचल की ओर रवाना हुई। हिमाचल पहुंचकर, भगवान शिव का भव्य स्वागत किया गया और उनका विवाह मां पार्वती के साथ संपन्न हुआ।
संत कुटीर शिलान्यास एवं भव्य शोभायात्रा
इस पावन अवसर पर श्री वत्सेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में संत कुटीर का शिलान्यास किया गया। इस शुभ कार्य को विधायक रमेश जायसवाल, नगर पंचायत चकिया के चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव, कथा वाचक पंडित शिवम शुक्ल एवं ट्रस्ट समिति की संरक्षिका मंगला तिवारी के करकमलों द्वारा संयुक्त रूप से संपन्न किया गया। कथा के मध्य में श्री वत्सेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण से गाजे-बाजे और आतिशबाजी के साथ भव्य शिव बारात निकाली गई। बारात में श्रद्धालु भक्त नाचते-गाते हुए कथा प्रांगण तक पहुंचे, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और उल्लास का वातावरण बना रहा।
महाप्रसाद एवं श्रद्धालुओं की सहभागिता
पंचम दिवस की कथा के उपरांत महाप्रसाद की भव्य व्यवस्था प्रसिद्ध अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. गौतम त्रिपाठी (सूर्या हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर, चंदौली) द्वारा आयोजित की गई। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने महाआरती एवं महाप्रसाद ग्रहण कर इस पुण्य अवसर का लाभ उठाया। इस दौरान शिक्षक संघ के श्रीराम द्विवेदी, राम कृष्ण पाठक, अभिनव पांडेय, गिरिश पांडेय, कृष्णा सेठ, मुरलीधर रस्तोगी, चन्द्रेश रंजन पाण्डेय (मिन्टू), राजन पांडेय सहित अन्य उपस्थित रहे।