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Chandauli News : सनातन का संविधान है श्री शिव महापुराण, कथा व्यास ने बताई सत्कर्म और अन्नदान की महिमा

चंदौली। शहाबगंज के मसोई गांव में चल रही सप्त दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा के द्वितीय दिवस पर कथा व्यास शिवम शुक्ल जी महाराज ने भक्तों को विभिन्न कथाओं के माध्यम से शिव महापुराण की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि शिव महापुराण सनातन धर्म का संविधान है, जिसमें बताया गया है कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

उन्होंने सत्कर्म के महत्व को समझाते हुए कहा कि घर में किया गया सत्कर्म पुण्यदायी होता है, लेकिन गौशाला में किया गया सत्कर्म घर की अपेक्षा 10 गुना अधिक पुण्य प्रदान करता है। इसी प्रकार जलाशय के पास सत्कर्म गौशाला से 10 गुना अधिक फलदायी होता है। यदि कोई तुलसी या बेल वृक्ष के मूल में सत्कर्म करता है, तो उसे जलाशय से भी 10 गुना अधिक पुण्य प्राप्त होता है।

बेलपत्र के वृक्ष की महिमा बताते हुए कथा व्यास ने कहा कि बेल का वृक्ष भगवान शिव का ही स्वरूप है। यदि कोई रोगी बेल वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाकर उस जल के छींटे अपने सिर पर डाल ले, तो वह रोगमुक्त हो जाता है। उन्होंने आगे कहा कि देवालय में किया गया सत्कर्म बेल वृक्ष से 10 गुना अधिक पुण्यकारी होता है, तीर्थभूमि में सत्कर्म देवालय से 10 गुना अधिक, नदी तट पर 10 गुना अधिक, सप्तगंगा के तट पर 10 गुना अधिक, समुद्र तट पर 10 गुना अधिक और हिमालय की चोटी पर किया गया सत्कर्म सबसे अधिक पुण्यकारी होता है।

कथा व्यास ने अन्नदान की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि अन्नदान केवल ब्राह्मणों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर भूखा व्यक्ति उसका अधिकारी है। जो गृहस्थ भूखे को भोजन कराता है, वह साक्षात भगवान शिव को प्रसाद अर्पित करने के समान पुण्य प्राप्त करता है। यदि कोई इच्छापूर्ति के लिए अन्नदान करना चाहता है, तो उसे विधिपूर्वक ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।

उन्होंने ब्राह्मण भोज के 10 अंगों का भी उल्लेख किया, जिसमें निमंत्रण, चंदन तिलक, पादप्रक्षालन, वस्त्रदान, मिठाई भोग, भजन, दक्षिणा, प्रणाम और विदाई शामिल हैं। जो व्यक्ति इन 10 अंगों के साथ ब्राह्मण को भोजन कराता है, वह अगले जन्म में 10 वर्षों तक निरोगी रहता है। श्री शिवम शुक्ल जी महाराज ने कहा कि जहां मन को शांति मिले, वही स्थान सत्कर्म के लिए सर्वोत्तम है और वहीं किया गया पुण्य सबसे अधिक फलदायी होता है। कथा में अखिलेश्वरानंद पांडेय, सर्वेश्वरानंद पांडेय, अमरेश्वरानंद पांडेय, मंगला तिवारी, राजन पांडेय, अम्बरीष कुमार पांडेय, अभिषेक कुमार पांडेय, रामकवल तिवारी, गोरखनाथ सिंह, पीयूष कान्त पाण्डेय, संतोष सिंह, ब्रजेश चौबे, राकेश यादव,अमर पाण्डेय, सुनील सिंह, मनोज यादव, अशोक तिवारी विरेन्द्र सिंह, अवधेश पाण्डेय, बिहारी चौहान आदि लोग मौजूद रहे।

 

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