चंदौली। चकिया तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा हडोरा में शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को ‘भगत सिंह विचार मंच’ द्वारा भिटेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
गोष्ठी में ‘भगत सिंह विचार मंच’ के संस्थापक श्याम बिहारी सिंह ने कहा कि आज का समय वैचारिक क्रांति की आवश्यकता को और भी प्रबल बनाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक स्थिति, विशेषकर विश्व में फैल रही महामंदी और तृतीय विश्व युद्ध की संभावनाओं के बीच, भारत को भगत सिंह के सपनों के अखंड और समृद्ध देश के रूप में विकसित करने की जरूरत है। यह तभी संभव होगा जब देश पर जनता का राज हो, विकास का मॉडल समाजवादी हो, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ राजनैतिक चेतना को उन्नत किया जाए।
अनुभव दास ने अपने वक्तव्य में भारत की आर्थिक असमानता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश की 65 फीसदी संपत्ति पर केवल एक फीसदी पूंजीपतियों का कब्जा है, जबकि 90 फीसदी आबादी के पास केवल 15 फीसदी धन है। उन्होंने मौजूदा आर्थिक असमानता, बेरोजगारी, और अशिक्षा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस स्थिति में देश को विकसित बनाने का सपना दिखाना केवल छलावा है। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा प्रस्तुत एकांकी ‘सोशल मीडिया की गुलामी’ ने देशभक्ति की भावना को प्रबल किया। वहीं, कवि वसीम अहमद की क्रांतिकारी कविताओं ने सभा में जोश भर दिया। गोष्ठी में लालजी सिंह, तिलकधारी बिंद, रमेश यादव, श्यामलाल मौर्या, डॉ. गीता शुक्ला, पारस यादव, और अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता सूर्यनाथ सिंह ने की, जबकि संचालन डॉ. मिश्रीलाल पासवान ने किया।