- मानव तस्करी के संदेह में आरपीएफ व चाइल्ड लाइन की टीम ने की कार्रवाई भीषण गर्मी में आउटर पर ट्रेन खड़ी होने से यात्रियों में दिखा आक्रोश गलती का आभास होने पर चेन पुलिंग कर रुकवाई ट्रेन, फिर यात्रियों को बैठाकर भेजा सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद आरपीएफ की हो रही किरकिरी
- मानव तस्करी के संदेह में आरपीएफ व चाइल्ड लाइन की टीम ने की कार्रवाई
- भीषण गर्मी में आउटर पर ट्रेन खड़ी होने से यात्रियों में दिखा आक्रोश
- गलती का आभास होने पर चेन पुलिंग कर रुकवाई ट्रेन, फिर यात्रियों को बैठाकर भेजा
- सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद आरपीएफ की हो रही किरकिरी
चंदौली। आरपीएफ की गलतफहमी की वजह से यात्रियों को भीषण गर्मी में लगभग आधा घंटा झेलना पड़ा। 15668 कामाख्या-गांधीधाम एक्सप्रेस में सवार नौ यात्रियों को आरपीएफ ने मानव तस्करी के संदेह पर ट्रेन से उतार लिया। अचानक आरपीएफ के इस कृत्य से यात्री आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। यात्रियों के पास टिकट भी मिला। कुछ देर बाद आरपीएफ को गलती समझ में आई तो चेन पुलिंग कर ट्रेन को रुकवाया गया और फिर यात्रियों को चढ़ाया गया। इस दरम्यान आउटर पर ट्रेन लगभग 25 मिनट तक खड़ी रही। इससे आरपीएफ की किरकिरी हो रही है।
चाइल्ड लाइन को मिली सूचना
चंदौली चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 से रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क की टीम को सूचना मिली कि कामाख्या एक्सप्रेस से कुछ बच्चों को तस्करी कर लें जाया जा रहा है। आरपीएफ के साथ चाइल्ड लाइन की टीम डीडीयू जंक्शन के प्लेटफार्म तीन पर पहुंच गई। 11.20 बजे ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंची। इसके बाद टीम ने एस-6 से 51 बच्चों को उतारा। बच्चों के साथ ही गांधीधाम काम करने जा रहे श्रमिकों को भी ट्रेन से उतार लिया। जबकि श्रमिकों के पास रिजर्वेशन टिकट था। इसके बाद तो यात्री आग बबूला हो गए और हो-हल्ला मचाने लगे। यात्री सैदुल, सिराजुहक, जमाल इस्माल ने बताया कि लगभग 15 से 16 की संख्या में श्रमिकों का दल कामाख्या से गांधीधाम जा रहा था। आरपीएफ ने बेवजह उन्हें उतार लिया। निर्धारित ठहराव के बाद ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई। सब कुछ ठीक मिलने पर ट्रेन को चेन पुलिंग कर रूकवाया गया और श्रमिकों को सवार कराया गया।
मदरसा में पढ़ने जा रहे थे बच्चे
कामाख्या-गांधीधाम एक्सप्रेस से उतारे गए 51 नाबालिग बच्चे पढाई करने के लिए गांधीधाम के मदरसा में जा रहे थे। बच्चों को ले जाने वाले व्यक्ति ने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया। जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार, किशन वर्मा, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अशोक कुमार श्रीवास्तव, सदस्य धर्मेंद्र कुमार सिंह, डा. किरन त्रिपाठी, ताहिर हुसैन, हरेराम पांडेय ने बच्चों की काउंसिलिंग की। बच्चों की ओर से भी पढ़ाई से संबंधित कोई दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किया गया। इसके बाद बच्चों के अभिभावक और संबंधित मदरसा को सूचना दी गई। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया गया कि बच्चों के नाबालिग होने की वजह से उनके माता-पिता को ही उन्हें सुपुर्द किया जाएगा। परिजनों के आने तक बच्चों को अल्पावधि आश्रय बाल गृह (बालक) रामनगर, वाराणसी भेजा गया।