
चंदौली। पत्नी से अवैध संबंध के चलते रामअनंद सिंह उर्फ कवि की हत्या करने वाले दो दोषियों को जनपद व सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 15000-15000 रुपये जुर्माना लगाया।
चकिया थाना अंतर्गत 26 सितंबर १९96 को रामपुर कला निवासी राम अनन्त सिंह उर्फ कवि की हत्या अवैध सम्बन्धों को लेकर सर्फराजी देवी पत्नी सुक्खू, सुक्खू पुत्र सुक्खन व बेचू बियार ने कर दी थी। इसमें धारा 302 सपठित 34 भा. द. सं. के तहत मृतक के पट्टीदार दिवाकर सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। रामअनन्त सिंह का अवैध सम्बन्ध सुक्खू की पत्नी समराजी उर्फ सर्फराजी से था। इसके चलते समराजी उर्फ सर्फराजी बच्चों सहित अपने मायके में ही रह रही थी। समराजी से अवैध संबंध के चलते उसके पति सुक्खू व समराजी का भाई बेचू रंज मानते रहे। इसके चलते मुल्जिमान ने रामअनन्त की हत्या उन्हीं के घर में कर दिए। शोरगुल की आवाज पर प्रार्थी जब राम अनन्त के घर के समीप पहुंचा। तब मुल्जिमान को मृतक के घर से अस्त व्यस्त हालत में निकलकर भागते हुए देखा। प्रार्थी के शोर पर गांव के बहुत से लोग जुट गए। अंदर जाकर देखा गया तो उनके घर में काफी खून गिरा हुआ पाया गया। रामअनन्त की लाश गोइठा के नीचे दबा पड़ा है। मुल्जिमान की नीयत लाश को फूंकने की थी। मौके पर असलहा भी पड़ा हुआ है। प्रार्थी ने घटना की सूचना राम अनन्त उर्फ कवि के ससुराल मौजा पिपरिया में दिया। रिपोर्ट दर्ज कर करवाई करने की प्रार्थना की गयी। न्यायालय में मुकदमे के विचारण के दौरान कुल 9 साक्षी पेश हुए। अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के एवं पत्रावली का अवलोकन करने के बाद जनपद एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार (चतुर्थ) ने विभिन्न परिस्थितियों व घटनास्थल से मिले साक्ष्यों के आधार पर दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शशिशंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रामअवध यादव व राजेन्द्र कुमार पांडेय ने तर्क प्रस्तुत किया।