
वाराणसी। रोहनिया थानांतर्गत बुधवार की सुबह अगवा हुआ ढाबा संचालक का छह साल का बेटा नौ घंटे बाद बरामद कर लिया गया। पुलिस ने ढाबे के वेटर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस आरोपी वेटर से पूछताछ में लगी है। ढाबा संचालक ने पहले ही अपने वेटर मदन पर शक जताया था। खास बात यह है कि बच्चा रोहनिया थानाक्षेत्र में बच्चे का घर है और इसी इलाके से बरामद भी हुआ है। आरोपी ने फोन कर 3 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। रुपए न देने पर बच्चे को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। ढाबा संचालक की सूचना के आधार पर रोहिनया थाने की पुलिस वेटर और बच्चे की तलाश कर रही थी। मासूम यश अपने पापा को देखते ही उनकी गोद में चढ़ गया। यश ने कहा कि मदन भैया सुबह बोले कि आओ यश तुम्हे घुमा लाएं तो वह उनके साथ जाने को तैयार हो गया। यश ने कहा कि इसके बाद भैया इधर से उधर घुमाते रहे। फिर एक जंगल जैसी जगह में ले गए और बोले कि यश अभी हम जल्दी ही तुम्हे तुम्हारे पापा-मम्मी के पास ले चलेंगे। लेकिन कुछ देर बाद हमें मम्मी, भैया और पापा की याद आने लगी। आज सुबह हम दूध भी नहीं पिए थे। भैया को कह रहे थे कि अब तो घर ले चलो तो वह कहते थे कि ले चल रहे हैं बाबू थोड़ा और इंतजार कर लो। इसके बाद यश ने कहा कि अब हम किसी के साथ कभी भी नहीं जाएंगे। उधर एसपी ग्रामीण अमित वर्मा ने कहा कि लगभग एक माह पहले ढाबे में काम शुरू करने वाले मदनलाल की नीयत शुरू से ही सही नहीं थी। वह आते ही अशोक के परिवार के लोगों की जी-हुजूरी करके उनका करीबी बन गया था। इसी वजह से उनके दोनों बच्चे भी उसके करीब आ गए थे और उस पर भरोसा करने लगे थे। समय ठीक नहीं है हमें हर किसी को देखना, समझना और परखना चाहिए। इसके बाद उस पर विश्वास करना चाहिए। क्राइम ब्रांच की तत्परता की वजह से बच्चा सकुशल मिल गया। बच्चे की सुरक्षा को लेकर हम सब बहुत ही चिंतित थे। एसपी ग्रामीण अमित वर्मा ने बताया कि आरोपी मदनलाल प्रयागराज से दो बार जेल जा चुका है। उसने यहां आकर अशोक के ढाबे में काम करने के साथ इतना अच्छा व्यवहार दिखाया कि उनके दोनों बच्चे भी उसे मानने लगे। इसी वजह से वह सुबह के समय जब बच्चे को लेकर चला तो उसने विरोध नहीं किया। बच्चे को लगा कि वह उसे घुमाने ले जा रहा है। इसके बाद उठाने बच्चे को गंगापुर में एक छोटे से बगीचे टाइप की जगह में रखा हुआ था। बच्चे को उसने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। मदनलाल के आपराधिक इतिहास का पता लगाया जा रहा है और उसके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान अपहृत यश के पिता अशोक को मदनलाल ने जब अपने खाते में तीन लाख रुपए ट्रांसफर करने की बात कही तो वह घबरा गए थे। उन्होंने पुलिस को सूचना तो दे दी थी। लेकिन मदनलाल के खाते में चोरी से 25 हजार रुपए ट्रांसफर भी कर चुके थे। ताकि उसे भरोसा रहे कि वह बाकी रकम भी देंगे। हालांकि मदनलाल उन्हें लगातार कॉल करने की वजह से सर्विलांस की मदद से पकड़ा गया और उसका मंसूबा धरा का धरा रह गया।
एसपी ग्रामीण अमित वर्मा ने बताया कि बच्चे का अपहरण और फिरौती मांगने का मसला बेहद ही गंभीर किस्म का था। आरोपी पैसे न मिलने पर बच्चे को जान से मारने की धमकी भी दे रहा था। लेकिन चंद घंटों के अंदर हमारी क्राइम ब्रांच ने बहुत ही अच्छा काम करते हुए बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया और आरोपी को भी पकड़ लिया। इसलिए क्राइम ब्रांच प्रभारी अश्वनी चतुर्वेदी व उनकी टीम के एसआई रजनीश त्रिपाठी, कांस्टेबल कुलदीप सिंह, कांस्टेबल चंद्रसेन और रोहनिया थाना प्रभारी हरिनाथ भारती की टीम को 25 हजार का इनाम दिया जा रहा है। उच्चाधिकारियों से भी इस टीम को पुरस्कृत कराने के लिए संस्तुति की जा रही है। यह मामला रोहनिया थाना के मोहनसराय इलाके का है। यहां के निवासी अशोक गोंड़ का घर के पास ही ढाबा है। अशोक ने बताया कि उनके दो बेटे हैं। मंगलवार की रात उनका छोटा बेटा यश (6) अपने दादा मंगला प्रसाद के साथ घर के बरामदे में सोया था। वह उनकी पत्नी सीमा और बड़ा बेटा घर के अंदर सोये थे। बुधवार की सुबह उनके पिता की नींद खुली तो यश बिस्तर से गायब था। यश की खोजबीन शुरू की गई। मगर उसका कहीं पता नहीं लगा। इसी बीच अशोक के पास फोन आया कि बच्चे को सकुशल चाहते हो तो तीन लाख रुपए हमारे खाते में ट्रांसफर कर दो। बच्चा सुरक्षित घर पहुंच जाएगा। अशोक ने इसकी सूचना रोहिनया थाने की पुलिस को दी।