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Chandauli News : वेतन मांगने पर रेंजर देते हैं गाली, सटा दी राइफल, वन प्रहरियों ने लगाया आरोप

वेतन की मांग को लेकर वन प्रहरियों ने चंद्रप्रभा रेंजर के खिलाफ खोला मोर्चा चंद्रप्रभा रेंजर चार वन प्रहरियों पर पहले ही दर्ज करा चुके हैं मुकदमा, आक्रोश डीएफओ से शिकायत कर चुके हैं वन प्रहरी, अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

चंदौली, वन प्रहरी, वेतन, रेंजर पर आरोप, आक्रोश
  • वेतन की मांग को लेकर वन प्रहरियों ने चंद्रप्रभा रेंजर के खिलाफ खोला मोर्चा चंद्रप्रभा रेंजर चार वन प्रहरियों पर पहले ही दर्ज करा चुके हैं मुकदमा, आक्रोश डीएफओ से शिकायत कर चुके हैं वन प्रहरी, अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई
  • वेतन की मांग को लेकर वन प्रहरियों ने चंद्रप्रभा रेंजर के खिलाफ खोला मोर्चा
  • चंद्रप्रभा रेंजर चार वन प्रहरियों पर पहले ही दर्ज करा चुके हैं मुकदमा, आक्रोश
  • डीएफओ से शिकायत कर चुके हैं वन प्रहरी, अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

 

चंदौली। चकिया तहसील क्षेत्र के चंद्रप्रभा रेंज के अंतर्गत कार्य कर रहे वन प्रहरियों ने वेतन की मांग को लेकर रेंजर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रेंजर विनोद पांडेय पर बकाया वेतन मांगने पर कार्यालय में जाति सूचक शब्दों का प्रयोग गाली गलौज मारपीट तथा धक्का देकर गिराने के साथ-साथ राइफल सटाकर जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। डीएफओ से शिकायत के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

 

 

वन प्रहरी बाबूलाल चौहान ने बताया कि पिछले वर्ष के अप्रैल माह से अभी तक हम लोगों का वेतन नहीं मिल सका है। रक्षाबंधन की एक दिन पूर्व वेतन देने की गुहार लगाकर चकिया स्थित रेंज कार्यालय गए, जहां रेंजर विनोद पांडेय से वेतन देने की गुहार लगाई। इसके बाद रेंजर ने वनकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए गाली गलौज मारपीट व धक्का देकर गिरा देने के बाद राइफल सटा दिए और ऑफिस से बाहर निकलने के लिए कहा। मौके पर मौजूद तत्कालीन दरोगा अवधेश सिंह ने बीचबचाव किया। हमलोगों को घर वापस भेज दिया गया। इसके बाद चंद्रप्रभा रेंजर ने 4 प्रहरियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। इससे वन कर्मियों में गहरा आक्रोश है। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी डीएफओ को देने के बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। कार्यभार संभालने के बाद से ही विनोद पांडेय लगातार चर्चा में बने रहते हैं। इसके पूर्व में भी वन कर्मियों का वेतन किसी दूसरे खाते में फर्जी तरीके से भुगतान कर पैसा निकालने का आरोप लगा था। इसकी लिस्ट भी वायरल हुई थी, लेकिन अभी तक वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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