
- फसल अवशेष जलाने वालों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली है
- पुलिस अधीक्षक ने जनपदवासियों से की पराली प्रबंधन की अपील
- अभियोग पंजीकृत करने के साथ जुर्माना वसूलने के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया जारी
चंदौली। गेहूं का फसल अवशेष जलाने वालों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली है। तहसील और थाना स्तरीय टीमें सर्वे कर रही हैं। अभियोग पंजीकृत करने के साथ जुर्माना वसूलने के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया जारी है। एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
लगातार जलाए जा रहे फसल अवशेष
जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में खेतों में फसल अवशेष जलाने के कारण फसलों में आग लगने की घटनाएं लगातार घटित हो रही थीं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा था और जान माल की क्षति की भी सम्भावनाएं बनी हुई थीं। ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने को पुलिस अधीक्षक ने प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीओ पीडीडीयू नगर और प्रभारी निरीक्षक अलीनगर ने पुलिस टीम के साथ गांव-गांव भ्रमण करते हुए खेतों में पराली न जलाने की अपील की थी। इसी बीच सोमवार को गुवास गांव में गेहूं के खेत में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई। अलीनगर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उपलब्ध संसाधनों व फायर ब्रिगेड के सहयोग से आग पर काबू पाया। जांच में पाया गया कि सीताराम यादव ने अपने खेत में पराली जलाई थी, जिससे कि आग फैल गई और बेकाबू हो गई। आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया।
एसपी ने की किसानों से अपील
पुलिस अधीक्षक ने जनपदवासियों से पराली प्रबंधन की अपील करते हुए कहा है कि वे फसल अवशेष को आग न लगाएं और इस बारे में दूसरे किसानों को भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि एनजीटी के नियमों व सरकार के आदेशों का पालन नहीं करने पर पराली जलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसान फसल अवशेष नहीं जलाएं। कृषि विभाग से सांमजस्य व तालमेल स्थापित कर सभी पराली इकट्ठा कर गौशाला को दान करें या कंपोस्ट के तौर पर उपयोग करें।