चंदौली। यह तो वहीं कहावत हुई कि राजा को पता ही नहीं और भीलों ने जंगल बांट लिया। अलीनगर थाना क्षेत्र के लौंदा गांव में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बुधवार को चार सिपाहियों और लेखपाल के साथ बुल्डोजर लेकर तालाब की जमीन खाली कराने पहुंच गए। हालांकि मौके पर काबिज ग्रामीणों के विरोध के चलते उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। नाराज लोगों ने गुरुवार को अलीनगर थाना पहुंचकर प्रदर्शन किया। एसडीएम मुगलसराय ने मामले की जांच के लिए तहसीलदार को निर्देशित किया है।
ग्रामीणों का कहना है कि तालाब के आस-पास की जमीन पर वर्षों से काबिज हैं। तालाब मछली पालन के लिए 10 वर्षों का पट्टा है। लेकिन प्रधान तालाब की जमीन पर पक्का निर्माण कराना चाह रहे हैं। जिन लोगों ने सपा को वोट नहीं दिया उन्हें चिन्हित कर उजाड़ने की योजना बना रहे हैं। इस काम में लेखपाल की भी मिलीभत है। बगैर अधिकारियों के आदेश के प्रधान प्रतिनिधि बच्चालाल यादव लेखपाल और चार सिपाहियों के साथ बुल्डोजर लेकर ग्रामीणों का आशियाना उजाड़ने पहुंच गए। लेकिन पुरुष, महिलाएं और बच्चे विरोध में उतर आए, जिससे उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। लेखपाल और सिपाही किसके आदेश पर प्रधान प्रतिनिधि के साथ गए एसडीएम ने इसकी जांच बैठा दी है। एसडीएम मुगलसराय अवनीश कुमार का कहना है कि बुल्डोजर चलाने सबंधी कोई आदेश नहीं दिया गया था। तहसीलदार को जांच के लिए लगाया गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रधान प्रतिनिधि बच्चालाल यादव का कहना है कि लौंदा गांव ओडीएफ प्लस योजना में चिन्हित हुआ है। शौचालय आदि का निर्माण कराया जाना है। जो लोग तालाब की जमीन पर कब्जा जमाए हुए हैं उन्हें हटने को कहा जा रहा है। भूमि के समतलीकरण के लिए बुल्डोजर गया था ना कि कब्जा हटाने। अब प्रशासन की तय करे कि निर्माण कहां कराया जाय।