
चंदौली। नीति आयोग के निदेशक हेमंत मीणा और जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान लाखापुर (नियामताबाद ब्लॉक) और पड़या (सदर ब्लॉक) के आंगनबाड़ी केंद्रों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान बच्चों की दक्षता परखी। निदेशक ने रॉकेट लर्निंग पर जोर दिया।
अधिकारियों ने बच्चों से सीधे बातचीत कर उनकी शिक्षा और पोषण की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों से पूछा कि 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए वे किस तरह कार्य कर रही हैं। कार्यकत्रियों ने बताया कि प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के तहत खेल-खेल में सीखने की गतिविधियां कराई जाती हैं, जिससे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास हो सके।
निदेशक और डीएम ने 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों की 85-90% विकास दर पर संतोष व्यक्त किया और इसे और बेहतर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने प्री-प्राइमरी शिक्षा में “रॉकेट लर्निंग” के तहत भेजी जा रही गतिविधियों को बच्चों के साथ प्रतिदिन साझा करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास में माता-पिता की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
इसके लिए अभिभावकों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का सुझाव दिया गया, जिससे वे बच्चों की गतिविधियों को नियमित रूप से साझा कर सकें। इस पहल से माता-पिता अपने बच्चों की शिक्षा में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे। निरीक्षण के दौरान बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी मूल्यांकन किया गया। बच्चों के लिए संतुलित आहार, नियमित स्वास्थ्य जांच और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए। इस दौरान जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी नागेन्द्र कुमार यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार गौतम सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।