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Chandauli News : चंदौली एसपी की नई पहल, फैसला ऑन द स्पाट

एसपी की जनसुनवाई के दौरान थानों में मौजूद रहकर गूगल मीट से जुड़े रहेंगे एसओ व चौकी इंचार्ज फरियादियों की समस्याओं का तत्काल किया जाएगा समाधान लोगों को बार-बार नहीं काटने होंगे चक्कर, होगी सहूलियत

चंदौली, एसपी जनसुनवाई, गूगल मीट
  • एसपी की जनसुनवाई के दौरान थानों में मौजूद रहकर गूगल मीट से जुड़े रहेंगे एसओ व चौकी इंचार्ज फरियादियों की समस्याओं का तत्काल किया जाएगा समाधान लोगों को बार-बार नहीं काटने होंगे चक्कर, होगी सहूलियत
  • एसपी की जनसुनवाई के दौरान थानों में मौजूद रहकर गूगल मीट से जुड़े रहेंगे एसओ व चौकी इंचार्ज
  • फरियादियों की समस्याओं का तत्काल किया जाएगा समाधान
  • लोगों को बार-बार नहीं काटने होंगे चक्कर, होगी सहूलियत

 

चंदौली। अपनी फरियाद लेकर कप्तान के दरबार में पहुंचे फरियादियों को बार-बार चक्कर नहीं काटने होंगे। पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने नई पहल की है। एसपी की जनसुवाई के दौरान सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक सभी थाना प्रभारी व चौकी इंचार्ज थाना और चौकियों में मौजूद रहकर गूगल मीट के जरिये कप्तान से जुड़े रहेंगे। जिन-जिन थाना क्षेत्रों की समस्याएं आएंगी, वहां के थानेदारों से एसपी गूगल मीट के जरिये संवाद करेंगे और आन द स्पाट समस्याओं का निस्ताऱण कराएंगे। माना जा रहा कि एसपी की यह पहल कारगर साबित होगी।

दरअसल, अपनी फरियाद लेकर फरियादियों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। उन्हें कभी थाने तो कभी पुलिस अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं। कई बार चक्कर लगाने के बावजूद न्याय नहीं मिलता। इससे लोगों का पुलिस से भरोसा उठ जाता है। पुलिस अधीक्षक ने फरियादियों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए नई पहल की है। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों व चौकी इंचार्ज को निर्देशित किया है कि जनसुनवाई के दौरान थाना और चौकियों में मौजूद रहकर गूगल मीट के जरिये जुड़े रहेंगे।

 

त्वरित न्याय दिलाने में तकनीकी बनेगी हथियार

लोगों को त्वरित न्याय दिलानें में तकनीकी हथियार बनेगी। गूगल मीट के जरिये एसपी तक पहुंचने वाली लोगों की शिकायतें व समस्याओं पर थाना स्तर से कार्रवाई होगी। कप्तान के फरमान के बाद थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी इसे गंभीरता से लेंगे और जरूरी कदम उठाएंगे।

 

पारदर्शी होगी प्रणाली

एसपी ने बताया कि जनपद में पहली बार यह पहल की गई है। जनसुनवाई के दौरान सभी थाना प्रभारियों को गूगल मीट के जरिये जोडकर सबका वीडियो खुलवाकर शिकायतकर्ता के प्रकरण के बारे में पूछताछ की जाती है। शिकायतकर्ता की शिकायत के बाबत थाना प्रभारी से पूछा जाता है। यदि थाने पर पहले से शिकायत आई है तो उसके बारे में थाना प्रभारी से पूछा जाता है। उस पर क्या कार्रवाई हुई। थानाध्यक्षों को निर्देशित किया जाता है कि समयबद्ध तरीके से शिकायतों का निस्तारण करें। इससे पारदर्शिता बनी रहती है। शिकायतकर्ता को भी यह पता रहता है कि उसकी शिकायत पर थाने को क्या निर्देश दिए गए। यदि कोई कमी रहती है तो उसके अनुसार सीओ को भी निर्देशित किया जाता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी और एआई के जमाने में अधिक से अधिक पारदर्शिता और शिकायतों के गुणवत्तापरक निस्तारण से भरोसा बढ़ेगा।

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