चंदौली। वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त डीडीयू कार्यालय में बतौर बिलिंग क्लर्क तैनात आरपीएफ कर्मी ने महकमे को एक करोड़ 70 लाख रुपये का चूना लगा दिया है। मामले की जांच जारी है इसलिए घोटाले की राशि और बढ़ सकती है। आरोपी कर्मचारी युवराज आरपीएफ कर्मियों के पीएफ, एरियर आदि का पैसा फर्जीवाड़ा कर अपने परिचित के नाम से बनाए बैंक एकाउंट में भेज रहा था। पोल खुलने के बाद जहां आरोपी फरार है वहीं कमांडेंट ने उसे निलंबित कर दिया है। साथ ही मुगलसराय कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है।
कानपुर का रहने वाला युवराज सिंह पिछले कई वर्षों से वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त डीडीयू कार्यालय में बिलिंग क्लर्क का काम देख रहा था। वर्ष 2018 से ही आरपीएफ कर्मियों के एरियर और पीएफ आदि का पैसा बगैर किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के ही अपने परिचित के नाम बनाए एकाउंट में भेज रहा था। कर्मचारी के भ्रष्टाचार की पोल तब खुली जब एक आरपीएफ कर्मी ने अपने पीएफ भुगतान के लिए आवेदन किया। पैसे उसके खाते में नहीं पहुंचे तो उसने मामले की शिकायत की। जांच में पता चला कि कर्मचारी के तकरीबन 11 लाख रुपये दो से तीन किश्तों में दूसरे एकाउंट में भेज दिए गए हैं। जांच में यह बात भी सामने आई कि वह एकाउंट क्लर्क युवराज सिंह के सगे रिश्तेदार के नाम पर है। कमांडेट आरपीएफ जेथिन बी राज ने इस मामले को बेहद संजीदगी से लेते हुए टीम गठित कर जांच कराई तो पता चला कि युवराज ने कई कर्मचारियों को चूना लगाया है और उनकी गाढ़ी लूट रहा था। पोल खुलने की भनक लगते ही क्लर्क फरार हो गया। हालांकि कमांडेट ने उसे निलंबित करने के साथ ही मुगलसराय कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया है।
बैंक क्लर्क की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोपी को निलंबित करने के साथ ही मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है। मामले की जांच चल रही है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जेथिन बी राज कमांडेट आरपीएफ