चंदौली। केंद्रीय मंत्री व चंदौली सांसद डा. महेंद्र नाथ पांडेय की मौजूदगी में बीजेपी जिलाध्यक्ष और मुगलसराय विधायक रमेश जायसवाल के बीच हुआ विवाद सुर्खियों में है। घटना को बड़ी अनुशासनहीनता के तौर पर देखा जा रहा है। इस पूरे प्रकरण में विधायक रमेश जायसवाल ने चुप्पी तोड़ते हुए अपनी बात रखी है। पूर्वांचल टाइम्स के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि आखिरकार क्यों उनका धैर्य जवाब दे गया। जिलाध्यक्ष सहित कुछ नेताओं पर गंभीर आरोप भी मढ़े।
मुगलसराय विधायक ने जिलाध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
विधायक रमेश जायसवाल ने जिलाध्यक्ष अभिमन्यू सिंह को आड़े हाथ लिया है। कहा कि पहली बार नहीं है कि उन्होंने किसी जनप्रतिनिधि को अपमानित किया है। पहले भी ऐसा करते आए हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष और जनप्रतिनिधियों को कभी सम्मान नहीं देते। यह शिकायत पूर्व जिलाध्यक्ष खुद करते रहते हैं कि बैठकों की जानकारी नहीं दी जाती, बुलाया नहीं जाता। सांसद का सम्मान करने वालों की सूची से मेरा नाम जानबूझकर हटाया गया। जबकि कार्यक्रम मेरे विधान सभा क्षेत्र में हो रहा था। मैं विधायक होने के साथ काशी क्षेत्र का क्षेत्रीय उपाध्यक्ष भी हूं। लिहाजा प्रोटोकाल के तहत क्षेत्रीय संगठन मंत्री मीना चौबे के बाद मुझसे सांसद का सम्मान करवाना चाहिए था। लेकिन जिलाध्यक्ष ने ऐसा नहीं किया। जबकि उन्होंने ही संचालक को नामों की लिस्ट सौंपी थी। कहा मैं जिले में सर्वाधिक वोेट पाने वाला विधायक हूं। ओबीसी वर्ग का एकमात्र विधायक हूं। सामने मेरे सैकड़ों समर्थक बैठे थे। अपने नेतृत्व का मजाक बनता वह देख पाएंगे क्या। सम्मान के लिए ही व्यक्ति व्यक्तिगत जीवन से सामाजिक जीवन में आता है। आने वाले चुनावों में यदि नुकसान हो गया तो समीक्षा करनी मुश्किल हो जाएगी। विधायक यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि यदि अभिमन्यू सिंह को भविष्य में मुगलसराय विधान सभा से चुनाव लड़ना है तो पार्टी से टिकट मांगें। यह उनका अधिकार है। जब मुझे टिकट मिला तब भी कई लोग दावेदार थे। टिकट नहीं मिलने की नाराजगी में मेरा प्रचार तक नहीं किया और अन्य विधान सभा क्षेत्रों में घूमते रहे। लेकिन मैं बीजेपी का कर्मठ कार्यकर्ता था और पार्टी के सहयोग और जनता के आशीर्वाद से जीतकर विधायक बना। मुझे इस पद का जरा भी मोह नहीं है। पार्टी कहती है कि पद छोड़कर संगठन का कार्य देखो तो मुझे फैसला लेने में एक सेकेंड की देर भी नहीं लगेगी। हम संगठन से जुड़े लोग हैं हमारा राजनीतिक मंत्र है तेरा वैभव अमर रहे मां हर दिन चार रहें न रहें।