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चंदौली न्यूज : विवाहित बेटी ने लीवर दान कर बचाई पिता की जान, सफल ट्रांसप्लांट के बाद दोनों स्वस्थ

चंदौली। चकिया तहसील क्षेत्र के खरौझा गांव निवासी शिक्षक राजेश पांडेय गंभीर लिवर सिरोसिस से जूझ रहे थे। चिकित्सकों के अनुसार उनका लिवर 90% तक खराब हो चुका था, और वाराणसी के डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी। इस कठिन समय में उनकी नवविवाहित बेटी रुचि पांडेय ने अपने पिता की जान बचाने के लिए अपना लीवर दान करने का साहसिक फैसला किया।

 

रुचि पांडेय, जो बीएचयू से कंप्यूटर साइंस और एमबीए की पढ़ाई कर चुकी हैं, की शादी कुछ महीने पहले ही हुई थी। लेकिन जब पिता की जान बचाने का सवाल आया, तो उन्होंने बिना किसी संकोच के लीवर दान करने का निर्णय लिया। उनके इस निर्णय की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है।

 

ट्रांसप्लांट के लिए राजेश पांडेय और रुचि को नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलिअरी साइंसेज (ILBS) में भर्ती कराया गया। डॉक्टर एस.के. सरीन और डॉक्टर विनियेन्द्र पामेचा के नेतृत्व में उनकी सफल सर्जरी की गई। फिलहाल, दोनों अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और डॉक्टरों के अनुसार उनकी स्थिति स्थिर है।

 

रुचि के इस बलिदान की पूरे गांव और इलाके में चर्चा हो रही है। लोग उनकी हिम्मत और त्याग की सराहना कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नवरात्रि के पावन अवसर पर यह बेटी मातृशक्ति और बलिदान की एक प्रेरणादायक मिसाल बनी है। रुचि का साहस और पिता के प्रति उनकी निःस्वार्थ भक्ति आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी।

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