चंदौली। सपा सांसद वीरेंद्र सिंह के लिए मुख्यालय स्थित नवीन मंडी के सचिव ने अपनी कुर्सी छोड़ दी। सांसद मंडी सचिव की कुर्सी पर जमे रहे। वहीं उनके बगल में सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव कुर्सी पर बैठे रहे, जबकि मंडी सचिव एक किनारे दूसरी कुर्सी पर बैठकर आदेशों-निर्देशों को सुनते रहे। सांसद और विधायक धान खरीद और रबी सीजन के लिए डीएपी की उपलब्धता आदि के बाबत अधिकारियों संग चर्चा करने मंडी पहुंचे थे। जनप्रतिनिधियों ने मंडी सचिव के चेंबर में बैठकर अधिकारियों से वार्ता की। मंडी के पदेन सभापति एसडीएम होते हैं। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का यह रवैया लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ये था मामला
सपा सांसद और विधायक शनिवार को नवीन मंडी समिति में अधिकारियों के साथ बैठक करने पहुंचे थे। धान खरीद और रबी सीजन के लिए डीएपी खाद की उपलब्धता को लेकर चर्चा की। उन्होंने धान खरीद केंद्रों की निष्क्रियता और किसानों की समस्याओं पर सवाल उठाए। सांसद ने कहा कि 1 नवंबर से धान खरीद शुरू होने के बावजूद अभी तक केंद्रों पर खरीद प्रक्रिया सुचारु रूप से नहीं चल रही है। उन्होंने प्रति हेक्टेयर 56 कुंतल धान खरीद के मानक पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसको लेकर किसान असमंजस में हैं। सांसद ने किसानों को रबी की फसल के लिए डीएपी खाद की कमी पर चिंता जताई और चेतावनी दी कि बुआई से पहले सभी सरकारी गोदामों में इफको की डीएपी खाद उपलब्ध होनी चाहिए। अगर अन्य ब्रांड की खाद भेजी गई तो इसकी भी जांच की जाएगी। उन्होंने मनरेगा के तहत हुए विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाया। कहा कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखा है, लेकिन जिला प्रशासन ने अब तक जांच की कोई जानकारी नहीं दी है। अपर जिलाधिकारी एसके सिंह का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को सम्मान देना ठीक है लेकिन अपनी कुर्सी पर बैठना समझ से परे है। प्रकरण का पता लगाया जाएगा।