तौसीफ खान
चंदौली। इलिया (iliya)में गरीबों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने को खोला गया नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार पड़ा है। कहने को तो यहां 24 घंटे इलाज की सुविधा उपलब्ध है लेकिन अक्सर ताला जड़ा मिलता है। ऐसे में क्षेत्रीय लोगों को इलाज के लिए निजी या झोलाछाप डाक्टरों की शरण लेनी पड़ रही है। हालांकि सीएमओ ने इस लापरवाही पर जांच की बात कही है।
शासन के कड़े निर्देशों के बाद भी जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी है। जबकि सूबे के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक लगातार स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण कर कड़ा संदेश देते रहते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं दिखाई दे रही है। स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही मरीजो पर भारी पड़ रही है। सरकारी अस्पतालों (government hospital)में तैनात डॉक्टर कभी भी समय से अस्पताल नहीं पहुंचते। कुछ ऐसा ही नजारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इलिया पर देखने को मिला। शनिवार को 12 बजे तक ताला लटकता रहा। परेशान मरीज बाहर चिकित्सको का इंतजार करते दिखे और मायूस होकर वापस लौट गए। इस बाबत सीएमओ डा. वाईके राय ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। इस तरह की लापरवाही बिल्कुल क्षम्य नहीं है। पूरे हॉस्पिटल स्टाफ का एक महीने का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया है। भविष्य में दोबारा इस तरह का मामला सामने आता है तो संबंधित स्वास्थ्य कर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।