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चंदौली में विधायकी का चुनाव लड़ रहे चार प्रत्याशियों के साथ जुड़ा है अजब संयोग, पहले ही प्रयास में किला फतह

चंदौली। विधानसभा चुनाव के लिए घमासान शुरू है। मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही जिला प्रशासन ने चुनाव चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। वहीं प्रत्याशी भी मतदाताओं को रिझाने में जुट गए हैं। विधानसभा चुनाव में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से ताल ठोक रहे चार उम्मीदवारों ने पहली बार में ही माननीय बनने का सम्मान हासिल किया था। इस बार भी कामयाबी हासिल करने के इरादे से मैदान में उतरे हैं।

इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोक रहे छब्बू पटेल 1991 के विधानसभा चुनाव में पहली बार मैदान में उतरे थे। जनता ने उनपर भरोसा जताया। शानदार जीत हासिल करते हुए माननीय बने थे। छब्बू मुगलसराय से तीन बार विधायक रहे।

सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव इस बार भी सपा के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। उनका मुकाबला एक बार फिर भाजपा के सूर्यमुनी तिवारी, बसपा, कांग्रेस के साथ ही अन्य दलों के उम्मीदवारों से है। प्रभु 1996 में धानापुर सीट से पहली बार मैदान में उतरे थे और जीत का परचम लहराया। बेस वोट बैंक की बदौलत यह सीट सपा की गढ़ मानी जाती है।

चकिया से सपा के टिकट पर ताल ठोक रहे जितेंद्र कुमार ने 2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने पहली बार में ही जीत हासिल कर अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवाया था। इस बार पाला बदलकर साइकिल की सवारी कर रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा के कैलाश आचार्य, बसपा के विकास गौतम समेत अन्य दलों के प्रत्याशियों से हैं।

इसी तरह सैयदराजा से सपा के टिकट पर मैदान में उतरे मनोज कुमार सिंह डब्लू ने 2012 के विधानसभा चुनाव में निर्दल उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी। उन्होंने माफिया डान बृजेश सिंह को हराकर विधायकी पर कब्जा जमाया था। उनका मुकाबला बृजेश के भतीजे व भाजपा उम्मीदवार सुशील सिंह के साथ ही बसपा के अमित यादव लाला और अन्य दलों के प्रत्याशियों से है। इस बार भी सियासी जंग रोचक दिख रही।

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