- ग्राम प्रधान व मनरेगा मेठ आपसी मिलीभगत से सरकार के खजाने में कर रहे सेंधमारी
- चकिया ब्लाक के गढ़वा सेमरौर गांव का मामला, जमकर हो रही धांधली
- चार कार्यों के लिए 48 मस्टररोल, रोजाना 465 मजदूरों को दिखा रहे काम
चंदौली। चकिया ब्लाक में मनरेगा में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। गढ़वा सेमरौर गांव में कराए जा रहे मनरेगा कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल जारी है। ग्राम प्रधान व मनरेगा मेठ मिलकर एक ही फोटो को दो-दो दिन हाजिरी षड्यंत्र तरीके से मनरेगा साइड पर देकर सरकार के खजाने में विधिवत सेंध लगाने का कार्य कर रहे हैं। 28 जून 2024 को जो फोटो हाजिरी के तौर पर मनरेगा साइड पर टैग किया गया है, वहीं फोटो फर्जी तरीके से 29 जून 2024 को भी टैग कर दिया गया है।
केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार जहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रही है। वहीं कुछ भ्रष्टाचारी लोग शासन के मंसूबों पर पानी फेरते हुए अपना षड्यंत्र रच शासन के खजाने में सेंध लगाने पर उतारू हो गए हैं। चकिया विकास खंड के गढ़वा सेमरौर गांव में बड़े पैमाने पर ग्राम प्रधान व मनरेगा मेठ मिलकर भ्रष्टाचार को अंजाम देने में लगे हुए हैं। एक ही फोटो को दो-दो दिन मनरेगा साइड पर टैग किया जा रहा है। 28 जून 2024 को जो फोटो मनरेगा साइड पर टैग की गई। वही फोटो 29 जून 2024 को भी हाजिरी के रूप में टैग की गई है। इससे यह खुलेआम साबित हो रहा है कि ग्राम प्रधान व मनरेगा मेठ मिलकर भ्रष्टाचार का हथकंडा अपनाते हुए शासन के खजाने में सेंध लगा रहे हैं। गढ़वा सेमरौर गांव में चार कार्य पर 48 मस्टररोल निकाला गया है। इसमें कुल 465 मजदूरों को प्रतिदिन काम करते बताया गया है, जबकि हाजिरी के लिए टैग की गई तस्वीर में कम मजदूर दिख रहे हैं। ऐसे में मजदूरों की संख्या में भी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इस संबंध में बीडीओ विकास सिंह ने कहा कि मामले की जांच कराकर ग्राम प्रधान व मनरेगा मेठ के ऊपर कारवाई की जाएगी।