चंदौली। सीओ के पद पर तैनात त्रिपुरारी पांडेय का तकरीबन 55 वर्ष की अवस्था में लंबी बीमारी के चलते सोमवार को निधन हो गया। वर्तमान में जालौन में बतौर डिप्टी एसपी तैनात त्रिपुरारी पांडेय पिछले कुछ महीनों से आंत से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे थे। कुछ दिन पहले लखनऊ स्थित निजी अस्पताल में उनके आंत की सर्जरी की गई थी, जिसके बाद उनकी तबीयत और बिगड़ गई। लिवर और किडनी में इंफेक्शन के चलते परेशानी बढ़ी तो चिकित्सकों ने उन्हें वेंटिलेटर पर डाल दिया था। जीवन और मौत के बीच जूझते हुए अंततः जिंदगी की जंग हार गए।
चंदौली में बिताया लंबा कार्यकाल, पूर्व एआरटीओ पर कसी थी नकेल
पुलिस अधिकारी के तौर पर त्रिपुरारी पांडेय ने चंदौली जनपद में लंबा कार्यकाल बिताया। दो दफा मुगलसराय जीआरपी के प्रभारी रहे। इसकेे बाद सीओ सदर और सकलडीहा भी रहे। यहां सेे स्थानांतरित होने के बाद कानपुर में अपनी सेवा दी। वर्तमान में जालौन में बतौर सीओ तैनात थे। वैसे तो त्रिपुरारी पांडेय ने विभिन्न पदों पर रहते हुए पुलिस महकमे के लिए कई सराहनीय कार्य किए लेकिन पूर्व एआरटीओ आरएस यादव का भ्रष्टाचार उजागर कर अचानक चर्चा में आए थे। सीओ चंदौली रहते हुए ट्रक चालकों के वसूली करते हुए एआरटीओ विभाग के सिपाही और आरएस यादव के निजी चालक को पकड़ा था। दोनों के बयान के आधार पर पूर्व एआरटीओ को भी आरोपी बनाया गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद जब जांच शुरू हुई तो पूर्व एआरटीओ के भ्रष्टाचार से जुड़े कारनामे उजागर होते चले गए। भ्रष्टाचार की फेहरिश्त इतनी लंबी निकली की प्रदेश में भूचाल सा आ गया। आरएस यादव को जेल तक जाना पड़ा। उस दौरान त्रिपुरारी पांडेय ने बताया था कि कि पूर्व एआरटीओ ने कार्रवाई नहीं करने के लिए काफी दबाव बनाया था। जब किसी तरह दाल नहीं गली तो अच्छी खासी रकम आफर की थी। कहा कि मेरे लोगों को छोड़ दीजिए मेरा आदमी थाने के पास ही है। तत्काल पैसा आप तक पहुंच जाएगा। लेकिन त्रिपुरारी पांडेय ने तत्कालीन एआरटीओ के आफर को सख्ती से ठुकरा दिया। सीओ के निधन से महकमे में शोक की लहर दौड़ गई।