चंदौली। बलुआ स्थित बाल्मीकि इंटर कॉलेज में शुक्रवार को वाराणसी मंडल का मंडलीय सम्मेलन एवं शिक्षण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन में चंदौली, सोनभद्र, गाजीपुर, बलिया, मऊ, मीरजापुर सहित विभिन्न जिलों के शिक्षकों और पदाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एवं पूर्व सदस्य विधान परिषद चेतनारायण सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
सम्मेलन संयोजक और प्रधानाचार्य वीरेंद्र प्रताप तिवारी ने अतिथियों, पदाधिकारियों और शिक्षकों को स्मृति चिह्न और अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। विशेष रूप से 1967-68 के पेंशन आंदोलन के दौरान जेल गए शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिन्हें इस उपलब्धि के लिए नमन किया गया। मुख्य अतिथि चेतनारायण सिंह ने अपने संबोधन में शिक्षकों की संघर्षशीलता को सराहा। कहा कि उनके प्रयासों से प्रदेश के शिक्षकों को अनेक अधिकार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने सरकार की निजीकरण की नीतियों और शिक्षा के बाजारीकरण पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और अपनी समस्याओं के लिए संगठित होकर संघर्ष करना हमारा कर्तव्य है।
विशिष्ट अतिथि और उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरेन्द्र कुमार राय ने शिक्षकों से समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “शिक्षक केवल बच्चों को शिक्षित करने तक सीमित नहीं हैं; उन्हें समाज की समस्याओं के समाधान में भी भागीदारी निभानी चाहिए।” प्रदेश महामंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी ने संगठन की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षकों के अधिकारों और पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन करना आवश्यक है।
इस अवसर पर उपस्थित अन्य प्रमुख वक्ताओं में डॉ. आशुतोष कुमार सिंह, धनंजय सिंह, मनोज वर्मा, और सुधाकर सिंह शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप सिंह और स्वयंसेवक सिंह ने संयुक्त रूप से किया। प्रबंधक श्यामसुंदर सिंह ने सभी का स्वागत किया।