
चंदौली। नौगढ़ में अब गो अभ्यारण्य भी बनेगा। शासन के निर्देश के बाद प्रशासन ने इसके लिए पहल की है। पर्वतीय क्षेत्र में गो अभ्यारण्य के लिए 40 एकड़ जमीन तलाश ली गई है। यहां बेसहारा पशुओं को रखने के साथ ही उनके संरक्षण की पूरी व्यवस्था रहेगी। पशुपालन विभाग इसको अंतिम रूप देने में जुटा है।
गोसंरक्षण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में शामिल है। जिले में २४ गोवंश आश्रय स्थलों में तीन हजार से अधिक मवेशी रखे गए हैं। आश्रय स्थलों में बेसहारा पशुओं के लिए चारा, भूसा, पानी आदि की व्यवस्था की गई है। हालांकि आश्रय स्थलों में पशुओं की संख्या अधिक व स्थान की कमी पड़ रही है। इससे उन्हें दिक्कतें हो रही हैं। इसको देखते हुए शासन ने यूपी के महाराजगंज के साथ ही चंदौली में भी गो अभ्यारण्य बनाने का निर्देश दिया था।
40 एकड़ जमीन ढूंढी
शासन के फरमान के बाद जिला प्रशासन अभ्यारण्य के लिए जमीन की तलाश में जुट गया था। नौगढ़ में चंद्रप्रभा वन्य जीव अभ्यारण्य है, जहां जंगली पशुओं को संरक्षण प्राप्त है। इसकी तर्ज पर प्रशासन ने नौगढ़ में ही गो अभ्यारण्य के लिए 40 एकड़ जमीन तलाश ली है। इसी भूमि में गो अभ्यारण्य बनाने की योजना है। फिलहाल अधिकारी सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं। मसलन गो अभ्यारण्य के समीप किसी किसान के खेत अथवा फसल नहीं होनी चाहिए। पशुओं की मौजूदगी से नुकसान हो सकता है।
पर्यटन स्थलों का भी करेंगे विकास
गो अभ्यारण्य में मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं पर विचार किया जा रहा है। इसके दायरे में पड़ने वाले झरने, जलप्रपात व अन्य पर्यटन स्थलों को भी विकसित करने की मंशा है, ताकि गो संरक्षण के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके। अभ्यारण्य में तालाब, चारागाह आदि की मुकम्मल व्यवस्था की जाएगी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. एके वैश्य ने बताया कि गो अभ्यारण्य में मिलने वाली सुविधाओं की रूपरेखा तैयार की जा रही है।